यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा का रिजल्ट घोषित होने के बाद अब कुछ अभ्यर्थियों के सलेक्शन पर सवाल उठ रहा है. विशेष रूप से पंकज पांडे और शिवानी उपाध्याय नामक अभ्यर्थियों के OBC कैटेगरी में चयन होने पर लोग सवाल उठा रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर तरह-तरह की चर्चा चल रही है.
पुलिस भर्ती बोर्ड ने खुद दी सफाई
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने इस पर एक आधिकारिक बयान जारी किया है. बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि किसी भी अभ्यर्थी को केवल उनके सरनेम या टाइटल के आधार पर सफल या असफल घोषित नहीं किया जाता है. सभी चयनित अभ्यर्थियों की जाति प्रमाण पत्रों की जांच सक्षम अधिकारियों द्वारा की जाती है और पूरी तरह से वैध प्रक्रिया अपनाई जाती है.
कैसे होती है जाति प्रमाण पत्रों की जांच ?
पुलिस भर्ती बोर्ड ने बताया कि सभी अभ्यर्थियों के जाति प्रमाण पत्रों का सत्यापन संबंधित जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा किया जाता है. पहले जाति प्रमाण पत्रों की जांच दस्तावेजों के आधार पर की जाती है. इसके बाद प्रमाण पत्रों की जांच के लिए गठित दस्तावेज़ सत्यापन (डीवी) बोर्ड, जिसमें उपजिलाधिकारी (SDM) स्तर और पुलिस उपाधीक्षक (DSP) स्तर के अधिकारी होते हैं, अभ्यर्थियों के मूल जाति प्रमाण पत्र का समुचित परीक्षण करता है.यहां जांच में प्रमाण पत्र के सही पाए जाने के बाद ही अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया जाता है. नियुक्ति पत्र जारी करने से पहले चयनित अभ्यर्थियों का पुनः सत्यापन नियुक्ति जनपद के पुलिस अधीक्षक द्वारा कराया जाता है.
आखिर क्या है पंकज पांडे और शिवानी उपाध्याय की जाति
सोशल मीडिया पर पंकज पांडे और शिवानी उपाध्याय के OBC वर्ग में चयन को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि पंकज पांडे का जाति प्रमाण पत्र दर्शाता है कि वह ‘गोसाई’ जाति से हैं, जो OBC वर्ग के अंतर्गत आती है. इसी तरह शिवानी उपाध्याय का जाति प्रमाण पत्र ‘जोगी’ जाति को दर्शाता है, जो OBC श्रेणी में सम्मिलित है. बोर्ड का कहना है कि इस प्रकार, दोनों अभ्यर्थियों का चयन पूरी तरह से वैध और प्रमाणित दस्तावेजों के आधार पर किया गया है.
बोर्ड की चेतावनी- भ्रामक प्रचार से बचें
बोर्ड ने यह भी चेतावनी दी है कि बिना प्रमाण के जातिगत टिप्पणियां करना न केवल अभ्यर्थियों के सम्मान को ठेस पहुंचाता है, बल्कि यह कानूनी अपराध भी हो सकता है. यदि किसी व्यक्ति को किसी विशेष अभ्यर्थी की जाति प्रमाण पत्र से संबंधित कोई ठोस और प्रमाणिक जानकारी है, तो वह उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के ईमेल [email protected] पर सूचित कर सकता है.
सोशल मीडिया में कतिपय अभ्यर्थियों के सरनेम या टाइटल के आधार पर उनकी जातियों आदि पर भ्रामक टिप्पणियां की जा रही हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड इस संबंध में यह स्पष्ट करता है कि सरनेम या टाइटल के आधार पर किसी अभ्यर्थी को सफल/असफल घोषित नहीं किया जाता है।…
— Uttar Pradesh Police Recruitment & Promotion Board (@upprpb) March 16, 2025
कानूनी कार्रवाई की भी चेतावनी
बोर्ड ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. अतः आम जनता से अनुरोध किया गया है कि बिना प्रमाण के किसी भी तरह की भ्रामक और अपुष्ट जानकारी साझा न करें और न ही इसे आगे प्रसारित करने में सहयोग करें.
60,244 पदों पर हुई थी परीक्षा
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPRPB) ने 60244 पदों पर सीधी भर्ती-2023 के लिए 23, 24, 25, 30 व 31 अगस्त 2024 को लिखित परीक्षा ली थी. इसके बाद शारीरिक मानक परीक्षण और शारीरिक दक्षता परीक्षा भी हुई. फाइनल रिजल्ट होली के ठीक पहले जारी किया गया. उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPRPB) द्वारा जारी मेरिट लिस्ट के अनुसार, जनरल कैटेगरी में 24102 उम्मीदवारों का चयन हुआ है. इसी तरह EWS कैटेगरी में 6024, OBC में 16264, SC में 12650 और ST कैटेगरी में 1204 उम्मीदवारों का चयन हुआ है.