सोने और चांदी के रेट्स दिन पर दिन सातवें आसमान पर चढ़ते जा रहे हैं. जहां एक तरफ ये आम आदमी की खरीद से दूर होते जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरह निवेशकों को मालामाल भी कर रहे हैं. सोना-चांदी लगातार निवेशकों की पहली पसंद बने हुए हैं. ज्यादातर लोगों की नजर सोने की बढ़ती कीमतों पर बनी रहती है. लेकिन हाल ही में चांदी ने रिटर्न देने के मामले में सोने को भी पछाड़ दिया है. चांदी की बढ़ती डिमांड की वजह से कीमतों में अच्छा उछाल आ रहा है. चांदी अब सिर्फ आभूषणों ही नहीं बल्कि इंडस्ट्रियल मेटल की तरह डेवलप हो चुकी है.
मौजूदा समय में चांदी की कीमतें 91 से 95 हजार रुपये तक पहुंच गई हैं. सबकी फेवरेट बनकर चांदी ने मई में न सिर्फ गोल्ड बल्कि बीएसई सेंसेक्स के रिटर्न को भी पटखनी दे दी है. ये कैसे हुआ आइए जानते हैं….
6 महीने चांदी में आया 30 फीसदी का उछाल
चांदी ने इस साल निवेशकों को बेहतर रिटर्न दिए हैं. साल 2024 में कॉमेक्स पर सिल्वर के रेट लगभग 30 फीसदी उछाल मार चुके हैं. एमसीएक्स पर भी चांदी अपने ऑल टाइम हाई रेट 95950 रुपये प्रति किलो के रेट पर ट्रेड कर रही है. दुनियाभर में ईवी और हाइब्रिड कारों की बढ़ती डिमांड और सोलर एनर्जी पर बढ़ते फोकस से भी चांदी को बड़ा सपोर्ट मिला है. भारत सरकार भी सोलर एनर्जी पर फोकस बढ़ा रही है. इसके चलते सोलर पैनल की डिमांड में जबरदस्त तेजी आ रही है. माना जा रहा है कि चांदी की इंडस्ट्रियल डिमांड इस साल 10 फीसदी और बढ़ सकती है.
सिल्वर ईटीएफ साबित हो सकता है अच्छा निवेश
इंडियन इकोनॉमी में लगातार तेजी से बढ़ रही है. अमेरिकी फेड रिजर्व भी आर्थिक सुस्ती से निपटने के लिए आने वाले दिनों में कड़े फैसले ले सकता है. भारत में भी नई सरकार का गठन हो चुका है. इससे आर्थिक सुधारों के तेज होने की पूरी उम्मीद है. ऐसे में सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड एक अच्छा निवेश विकल्प साबित हो सकता है. ऐसे में इसे अपने पोर्टफोलियो में जोड़कर आप अच्छे रिटर्न पा सकते हैं. सिल्वर बार या कॉइन की बजाय सिल्वर ईटीएफ को कम निवेश के जरिए भी आप खरीद सकते हैं.
इस कारण बढ़ सकता है निवेश
आंकड़ों के अनुसार, पूरी दुनिया में चांदी का 40 फीसदी इस्तेमाल नॉन इंडस्ट्रियल उद्देश्यों के लिए होता है. इस साल इंडस्ट्री और नॉन इंडस्ट्री डिमांड में इजाफा बना रहेगा. अगर फेडरेल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करता है तो चांदी में इनवेस्टमेंट तेजी से बढ़ने लगेगा. उम्मीद जताई जा रही है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भी अक्टूबर तिमाही तक ब्याज दरों में कटौती कर सकता है.