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‘कितनी दीवाली आई, गई लेकिन…’, भारत का नाम लेकर अपनी सरकार पर क्यों भड़के ब्रिटिश नेता?

ब्रिटेन और भारत के बीच लंबे समय से मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बात होती रही है लेकिन अब तक इस पर मुहर नहीं लगी है जिसे लेकर ब्रिटेन की विपक्षी पार्टी ने नेता ने सत्ताधारी पार्टी पर निशाना साधा है. ब्रिटेन के विपक्षी लेबर पार्टी के नेता डेविड लैम्मी ने सोमवार को प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि कई दीवाली आई और चली गई लेकिन सरकार भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता कराने में विफल रही है.

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इंडिया ग्लोबल फोरम (IGF) में बोलते हुए लेबर पार्टी के शैडो फॉरेन सेक्रेटरी लैमी ने ऋषि सुनक सरकार के साथ कंजर्वेटिव पार्टी के ही पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘कई दीवाली आई और चली गई लेकिन व्यापार समझौता नहीं हुआ जिससे कई क्षेत्रों में व्यापार इंतजार में है.’

बोरिस जॉनसन ने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते के लिए दीवाली 2022 की डेडलाइन तय की थी और इसी संबंध में लैमी ने कंजर्वेटिव पार्टी को निशाने पर लिया.

फोरम के दौरान अपने संबोधन में लेबर पार्टी के नेता ने कहा कि भारत आर्थिक, तकनीकी और सांस्कृतिक क्षेत्र में एक सुपरपावर है और उनकी पार्टी की प्राथमिकता है.

लेबर पार्टी नेता लैमी ने कहा, ‘लेबर पार्टी के कारण, अब वो दिन गए जब बोरिस जॉनसन एशिया में रुडयार्ड किपलिंग की पुरानी कविता को पढ़ते थे. अगर मैं भारत में कोई कविता पढ़ता हूं, तो वह टैगोर की कविता होगी…क्योंकि भारत जैसी महाशक्ति के साथ, सहयोग और सीखने के क्षेत्र असीमित हैं.’

डेविड लैमी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और व्यापार मंत्री पीयूष गोयल का नाम लेते हुए कहा कि अगर उनकी पार्टी 4 जुलाई को आम चुनाव में जीत हासिल करती है तो पार्टी भारत के साथ व्यापार समझौते के लिए तैयार है.

लैमी ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि हमारा मुक्त व्यापार समझौता हो जाए और आगे बढ़ें.’ साथ ही उन्होंने कहा कि वो जुलाई के अंत से पहले दिल्ली दौरे पर होंगे.

डेविड लैमी ने भारत के साथ संबंधों पर लेकर कहा कि ब्रिटेन की सत्ताधारी पार्टी संबंध बढ़ाने को लेकर जितने वादे करती हैं, उसे पूरा करने के लिए बिल्कुल कोशिश नहीं करती.

भारत और ब्रिटेन के बीच वार्षिक व्यापार को बढ़ाकर 38.1 अरब पाउंड करने के मकसद से जनवरी 2022 में मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू की गई थी. दोनों देशों के बीच 13 दौर की बातचीत हो गई है. व्यापार समझौते के लिए 14वें दौर की बातचीत 10 जनवरी को शुरू हुई थी.

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