और कितने मर्डर होंगे?’, धमकी मिलने पर भड़के चिराग पासवान, बिहार की कानून-व्यवस्था पर उठाए सवाल

केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान को शुक्रवार (11 जुलाई) को सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी मिली थी. धमकी में कहा गया था कि उन्हें 20 जुलाई से पहले बम धमाके में मार दिया जाएगा. इस धमकी के बाद बिहार की कानून-व्यवस्था को लेकर चिराग ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला और पूछा कि बिहारी अब और कितनी हत्याओं की भेंट चढ़ेंगे?

ये धमकी ऐसे समय में आई है जब चिराग पासवान बिहार में अपनी पार्टी के लिए विधानसभा चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं और कानून-व्यवस्था का मुद्दा इस बार के चुनाव में सबसे अहम माना जा रहा है.धमकी मिलने के बाद पार्टी प्रवक्ता डॉ. राजेश भट्ट ने पटना के साइबर थाना पहुंचकर मामला दर्ज कराया और प्रशासन से मांग की कि धमकी देने वाले व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और कड़ी कार्रवाई की जाए. डॉ. भट्ट ने कहा कि यह लोकतंत्र पर हमला है और दलित नेतृत्व को दबाने की कोशिश है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

चिराग पासवान ने इस धमकी पर प्रतिक्रिया देते हुए नीतीश कुमार सरकार की कानून व्यवस्था पर तीखा हमला बोला. उन्होंने एक पोस्ट कर पूछा कि बिहारी अब और कितनी हत्याओं की भेंट चढ़ेंगे? यह समझ से परे है कि बिहार पुलिस की जिम्मेदारी किया है?

JDU का चिराग पर निशाना

चिराग पासवान के पोस्ट पर JDU प्रवक्ता अभिषेक झा का रिएक्शन सामने आया है. उन्होंने चिराग पर जुबानी हमला बोला और कहा कि लोकतंत्र में सबको बोलने की आजादी है, लेकिन नीतीश कुमार के सुशासन पर सवाल खड़ा करना गलत है, क्योंकि नीतीश कुमार हमेशा अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की रणनीति पर काम करते हैं.

तेजस्वी ने भी दी प्रतिक्रिया

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान को मिली धमकी पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने नीतीश कुमार सरकार और केंद्र सरकार पर करारा तंज कसा. तेजस्वी ने कहा कि जाकर प्रधानमंत्री से बोलिए कि बिहार में जंगलराज आ गया है.

ये मामला उस समय उठा है जब हाल ही में पटना में कारोबारी गोपाल खेमका की बाइक सवार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. चिराग ने बीते सप्ताह सारण जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि बिहार में कानून-व्यवस्था चरमरा चुकी है. हत्याएं और अपराध आम बात हो गए हैं. यह हम सभी के लिए चिंता का विषय है. यह मेरे लिए भी चिंता का विषय है, मैं जिस सरकार का समर्थन करता हूं, वह ‘सुशासन’ के लिए जानी जाती है, लेकिन हालात इसके उलट हैं.

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