यूपी के संभल में राजा की बावड़ी की खुदाई का काम 11वें दिन भी जारी है. खुदाई में बावड़ी के दूसरी मंजिल का गेट नजर आ रहा है. साफ-सफाई और मलबा हटाने के बाद वहां तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है. इससे पहले खुदाई के दौरान बावड़ी के पहली मंजिल का पता चला था, जिसमें सीढ़ियां आदि नजर आ रही थीं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर चंदौसी इलाके में स्थित ये राजा की बावड़ी कितने मंजिला है. हालांकि, कुछ लोग इसके तीन मंजिला होने का दावा कर रहे हैं. लेकिन खुदाई और मलबा हटाने का काम पूरा होने के बाद ही इसका पता चल सकेगा.
आपको बता दें कि राजा कि बावड़ी में हाथों से और JCB से मलबा हटाने का काम दर्जनों मजदूरों द्वारा किया जा रहा है. पिछले हफ्ते 12-15 फीट की खुदाई के बाद मजदूरों को बावड़ी की पहली मंजिल का तल मिला था. कल इसके दूसरे तल का पता चला है. चंदौसी की यह बावड़ी कई दशकों से मिट्टी और कचरे के ढेर में दबी थी. इसके अंदर पुराने समय की पत्थरों से बनी संरचनाएं और सुरंगनुमा रास्ते पाए गए हैं. अब तो दर्जनों सीढ़ियां भी नजर आने लगी हैं, जिनके जरिए बावड़ी की गहराई में उतरा जा सकता है. इस बावड़ी में कुएं की तलाश भी की जा रही है. देखें वीडियो-
#WATCH | Chandausi, Sambhal (UP) | Excavation work continues at an age-old stepwell found in the Lakshman Ganj area.
Executive Officer of Nagar Palika Chandusi, KK Sonkar says, "The Nagar Palika team is monitoring the work. Officials from the Archaeological Survey of India visit… pic.twitter.com/eyKt4T1GtY
— ANI (@ANI) December 31, 2024
बीते दिन जब बावड़ी के दूसरे तल का पता चला तो एक शख्स ने उसके अंदर जाकर शंख बजाया. वहीं, फिजा को आंच न आ सके, इसके लिए पुलिस-पीएसी का सख्त पहरा है. बाहरी लोगों के बावड़ी परिसर में प्रवेश पर अंकुश लगाया गया है. मौके पर मीडिया का जमावड़ा है.
गौरतलब हो कि सन 1720 में राजा आत्माराम द्वारा बनवाई गई इस प्राचीन बावड़ी की खुदाई में नए-नए खुलासे हो रहे हैं. एएसआई की टीम भी जांच में जुटी हुई है. बावड़ी तीन सौ साल पुरानी बताई जा रही है. खुदाई में सामने आए लेंटर की हालत क्षतिग्रस्त है. माना जा रहा है कि असामाजिक तत्वों ने इसे नुकसान पहुंचाया था. अब तक दर्जन भर से अधिक सीढ़ियां सामने आई हैं और उम्मीद है कि आगे की खुदाई में कुआं भी मिल सकता है. स्थानीय प्रशासन और पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है और बावड़ी की सुरक्षा कर रहा है.
फिलहाल, मुस्लिम बहुल मोहल्ला लक्ष्मणगंज में मिली बावड़ी में 11वें दिन भी खुदाई जारी है. बावड़ी की दूसरी मंजिल के गलियारों से मिट्टी हटाने का काम जारी है. ASI टीम भी बावड़ी स्थल पर पहुंच कर जांच पड़ताल में जुट गई है. टीम ने बावड़ी में घुस कर छानबीन कर फोटो और वीडियोग्राफी की है.
कहा जा रहा है कि बावड़ी का इस्तेमाल पहले पानी स्टोर करने के लिए और सैनिकों के आराम करने के लिए किया जाता था. इन दीवारों में अभी भी नमी है क्योंकि यहां पानी रहता था. बावड़ी की बनावट पहले के जमाने की है. कहा जा रहा है कि तीन मंजिला बावड़ी है. यहां से 150 मीटर दूर इलाके का प्रसिद्ध मंदिर भी है.