समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और संस्थापक सदस्य की रिहाई पर सियासत गरमा गई है. उनकी रिहाई को लेकर जहां एक तरफ पार्टी खेमे में खुशी का माहौल है, वहीं दूसरी तरफ पूर्व सपा सांसद एसटी हसन ने इस मुद्दे पर तीखा बयान दिया है.
दरअसल, जब उनसे सवाल किया गया कि अगर आजम खान पार्टी से अलग होते हैं तो सपा को कितना नुकसान होगा? इस पर एसटी हसन ने कहा- “थोड़ा बहुत नुकसान जरूर होगा, लेकिन कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा. समाजवादी पार्टी से वैसे ही लोग जुड़े हुए हैं जैसे पहले थे. मुसलमान किसी एक नेता की वजह से नहीं जुड़े हैं.”
मुरादाबाद में मीडिया से बातचीत में एसटी हसन ने यह भी कहा कि आजम खान साहब को फर्जी मुकदमों में फंसाया गया था. वह सपा के फाउंडर मेंबर रहे हैं. उनकी रिहाई से पार्टी और मज़बूत होगी. वहीं, जब उनसे पूछा गया कि चर्चा है आजम बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का दामन थाम सकते हैं, तो एसटी हसन ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि आजम ख़ान पैदाइशी समाजवादी हैं. उन्होंने इस पार्टी के लिए मेहनत की है. ऐसे में पार्टी छोड़कर जाना संभव नहीं है.
“दिल नहीं चाहता मिलने का”
जब एसटी हसन से पूछा गया कि क्या वह आजम खान से मिलने जाएंगे, तो उन्होंने कहा- “वक़्त बताएगा.. सच तो यह है कि पूरा मीडिया मुझे एक हफ्ता तक चलाता रहा और सबको मालूम है कि जो हालात मेरे ऊपर गुजरे हैं, उसकी वजह वो (आजम ख़ान) खुद ही हैं. मेरा दिल नहीं चाहता कि मैं उनके पास जाऊं. हां, अगर उनका हुक्म हुआ तो मैं जाऊंगा.”
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 में राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा रही थी कि एसटी हसन का टिकट आजम खान के कहने पर ही काटा गया था. हसन का टिकट काटकर आजम की करीबी रुचि वीरा को दिया गया था. तभी से दोनों नेताओं के बीच खटास बढ़ी और एसटी हसन को पार्टी में कथित तौर पर साइडलाइन कर दिया गया.