जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने उनके नाम की सिफारिश केंद्र सरकार से की है. सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस खन्ना के बाद जस्टिस गवई दूसरे वरिष्ठम जज हैं. सीजेआई जस्टिस खन्ना 13 मई को रिटायर हो जाएंगे. उनके बाद 14 मई को जस्टिस गवई देश के 52वें सीजेआई के रूप में पदभार संभालेंगे.
आइए जान लेते हैं कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश को सेवानिवृत्ति के बाद कितने सालों तक मिलती है 24 घंटे सुरक्षा? मुख्य न्यायाधीश और पूर्व मुख्य न्यायाधीश को कौन-कौन सी सुविधाएं मिलती हैं और क्या समय के साथ सुविधाएं घटती जाती हैं?
साल 2016 में किया गया था वेतन/पेंशन में संशोधन
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के वेतन, ग्रेच्युटी, पेंशन, भत्ते आदि के लिए देश में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश (वेतन और सेवा शर्त) अधिनियम-1958 है. वहीं, उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के वेतन आदि उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों (वेतन और सेवा शर्त) अधिनियम-1954 द्वारा तय होते हैं. उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के वेतन/पेंशन, भत्ते आदि के संशोधन के लिए कोई प्रस्ताव आने पर इन अधिनियमों में संशोधन किया जाता है. केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर पिछली बार एक जनवरी 2016 को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के वेतन और भत्ते संशोधित किए गए थे.
इतना मिलता है वेतन और पेंशन
इस संशोधन के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश को हर महीने 2.80 लाख रुपए वेतन मिलता है. इनकी पेंशन 16.80 लाख रुपये प्रति वर्ष और साथ में महंगाई राहत और 20 लाख रुपए ग्रेच्युटी मिलती है. वहीं, उच्चतम न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों को 2.50 लाख रुपये प्रति माह वेतन, 15 लाख रुपए प्रति वर्ष पेंशन और महंगाई राहत के साथ ही 20 लाख रुपए ग्रेच्युटी मिलती है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को वेतन के अलावा हर महीने 45000 रुपए सत्कार भत्ता दिया जाता है. एकमुश्त 10 लाख रुपये फर्निशिंग अलाउंस के तौर पर भुगतान होता है.
ये सुविधाएं भी मुख्य न्यायाधीश को मिलती हैं
सुविधाओं की बात करें तो सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को दिल्ली में सबसे उच्च श्रेणी यानी टाइप VIII का बंगला आवास के रूप में मिलता है. सरकारी गाड़ी और ड्राइवर की सुविधा भी मुख्य न्यायाधीश को मिलती है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि मुख्य न्यायाधीश के बंगले पर 24 घंटे सुरक्षा, नौकर-चाकर और क्लर्क आदि भी मिलते हैं. उनको घर का किराया नहीं देना होता है. गाड़ी के लिए हर महीने 200 लीटर तक ईंधन, पीएसओ भी मिलता है. मुख्य न्यायाधीश यात्रा भत्ता के भी हकदार होते हैं.
सेवानिवृत्ति के बाद मिलती हैं ये सुविधाएं
सेवानिवृत्ति के बाद मुख्य न्यायाधीश को मिलने वाली सुविधाओं की बात करें तो इसमें साल 2022 में संशोधन किया गया था. इसके बाद केंद्र सरकार ने जानकारी दी थी कि सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश को छह महीने तक बिना किराए का टाइप VII आवास दिया जाएगा. ऐसा आवास उन सांसदों को मिलता है जो पहले केंद्र में मंत्री रह चुके हैं. साथ ही सेवानिवृत्ति के बाद एक साल तक सीजेआई को 24 घंटे सुरक्षा मिलती है. पूर्व सीजेआई को व्यक्तिगत सुरक्षा सेवानिवृत्त होने के बाद पांच सालों तक 24 घंटे मिलती है.
विधि मंत्रालय में न्याय विभाग द्वारा संशोधित सुप्रीम कोर्ट जज नियम अधिसूचित किए गए थे. इनके तहत सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश को सेवानिवृत्ति की तारीख से एक साल तक ड्राइवर की सुविधा और सचिवालय संबंधी सहायता दी जाएगी.
इन सुविधाओं के भी होते हैं हकदार
भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण सेवानिवृत्ति के बाद नए नियम के तहते सुविधाएं पाए वाले पहले मुख्य न्यायाधीश थे. संशोधित नियमों के अनुसार, सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को भी हवाई अड्डों पर औपचारिक लाउंज में अभिवादन प्रोटोकॉल दिया जाता है. हाईकोर्ट में शाखा स्तर के अधिकारी पूर्व मुख्य न्यायाधीश की सहायता के लिए सचिवालय सहायक के रूप में नियुक्त किए जाते हैं.
भारत के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश के साथ ही सेवानिवृत्त अन्य न्यायाधीशों को भी मुफ्त आवासीय टेलीफोन की सुविधा मिलती है. मोबाइल या ब्रॉडबैंड की प्रतिपूर्ति के रूप में उनको 4,200 रुपये प्रति माह की छूट भी दी जाती है.
कौन हैं जस्टिस गवई?
सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गवई को 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट में प्रमोट किया गया था. मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल छह महीने से अधिक का होगा. वह 23 नवंबर 2025 को अपने पद से रिटायर हो जाएंगे. जस्टिस गवई का का जन्म 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था. उनको 14 नवंबर 2003 को बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था. 12 नवंबर 2005 को वह हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किए गए थे.