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शरद पूर्णिमा के लिए खीर कैसे बनाएं और कब रखें? जानिए बनाने की विधि और खाने से होने वाले फायदे

शारदीय नवरात्रि के बाद त्योहारों का सीजन शुरू हो गया है. आज शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) मनाई जा रही है. आज के दिन शाम को खीर बनाकर उसे रात को चंद्रमा की रोशनी में रखा जाता है. यह परंपरा काफी पुरानी चली आ रही है. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन चांद रातभर अपनी चांदनी से अमृत की वर्षा करता है. यही वजह है कि शरद पूर्णिमा की रात खुले आसमान के नीचे खीर रखी जाती है. इस रात में माता लक्ष्मी की पूजा भी होती है. तो आइए जानते हैं खीर को रात में कब चंद्रमा की रोशनी में रखा जाए? इसके साथ ही खीर बनाने की आसान विधि और उसे खाने से क्या लाभ होते हैं? ये भी जानते हैं.

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शरद पूर्णिमा की खीर कब रखें?

शरद पूर्णिमा का चंद्रोदय शाम 05:05 बजे होगा. यह दिल्ली का समय है. अन्य शहरों में चंद्रोदय का समय थोड़ा आगे या पीछे हो सकता है. आज शाम 7:18 बजे से रेवती नक्षत्र है, जो शुभ होता है. शाम 7:18 बजे के बाद से आप खीर खुले आसमान के नीचे रख सकते हैं. खीर इस प्रकार से रखना है कि उसमें चंद्रमा की किरणें पड़ें.

शरद पूर्णिमा के लिए कैसे बनाएं खीर?

आधा लीटर फुलक्रीम दूध

आधा कप बासमती चावल

2-3 धागे के केसर

आधा कप चीनी

एक चौथाई कप कसा हुआ नारियल

एक चौथाई कप काजू के कतरन

एक चौथाई कप बादाम के कतरन

एक चौथाई कप पिस्ता के कतरन

एक चम्मच इलायची पाउडर

ऐसे करें खीर तैयार

शरद पूर्णिमा के लिए खीर बनाने के लिए सबसे पहले चावल धोकर उन्हें 1 घंटे के लिए भिगोकर रख दें. दो चम्मच दूध में केसर भिगोकर अलग रख दें. अब एक पैन में दूध गर्म करके उसमें केसर और चावल डालकर धीमी आंच पर पकाएं. जब खीर के चावल पक जाएं तो उसमें चीनी, इलायची पाउडर, नारियल और मेवे डालकर अच्छी तरह मिला लें. थोड़ी देर चलाने के बाद गैस बंद कर दें. आपकी टेस्टी खीर बनर तैया है. इसे सर्व करे से पहले पिस्ता और बादाम की कतरन से गार्निश करें.

शरद पूर्णिमा की खीर खाने के फायदे

शरद पूर्णिमा की रात में माता लक्ष्मी की पूजा होती है. उन्हें खीर का भोग लगाया जाता है. शरद पूर्णिमा की खीर बनाकर आप माता लक्ष्मी को भोग लगाएं. धन और वैभव की देवी माता लक्ष्मी प्रसन्न होंगी. उनके आशीर्वाद से आपके धन, दौलत, सुख, समृद्धि में बढ़ोत्तरी होगी.

ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की खीर में चंद्रमा की किरणों से अमृत की बूंदें गिरती हैं. इससे वह खीर औषधीय गुणों वाला हो जाता है. उस खीर को खाने से व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ होता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शरद पूर्णिमा पर जो खीर बनाते हैं, उसका सीधा संबंध चंद्रमा से होता है. खीर में चावल, चीनी और दूध होता है, ये तीनों ही चंद्रमा से जुड़ी वस्तुएं हैं. खीर खाने से कुंडली में चंद्रमा का दोष दूर होता है. मन और मस्तिष्क स्थिर रहता है. व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है.

शरद पूर्णिमा की खीर कैसे रखें?

खीर बनाकर उसे पतीले में रख लें. रात के समय में उस पतीले को छत पर या बालकनी में खुले में रख दें. उस खीर को छलनी या फिर बड़ी छन्नी से ढक दें ताकि उसमें कोई कीट आदि न पड़ें. कुछ लोग पूरी रात खीर को चंद्रमा की किरणों में रख देते हैं और अगली सुबह खाते हैं. कुछ लोग खीर को 2 से 4 घंटे के लिए रखते हैं और फिर उसे खा लेते हैं.

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