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जन्माष्टमी पर कान्हा की पूजा कैसे करें, भगवान श्रीकृष्ण को कौन सा भोग चढ़ाएं, एक क्लिक में जानिए सारी जानकारी

रायपुर: पूरे देश में जन्माष्टमी की धूम है. हर जगह लोग गोविंदा के आगमन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. मंदिरों को सजा दिया गया है. मथुरा से लेकर द्वारका नगरी और रायपुर से लेकर सरगुजा, बिलासपुर से लेकर दुर्ग और बस्तर से लेकर कोरबा तक सभी जगह पर मंदिर सज गए हैं. श्रद्धालुओं में भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप के दर्शन मंदिर में करने को लेकर श्रद्धा भाव और उत्साह दिख रहा है.

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छत्तीसगढ़ के मंदिरों में विशेष तैयारी : छत्तीसगढ़ के मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर विशेष तैयारी की गई है. मनेंद्रगढ़ के राधा कृष्ण के मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. यहां श्रद्धालु भक्ति के गीतों और संगीत में लीन हो रहे हैं. सब अभी से भगवान कृष्ण की पूजा की तैयारी कर रहे हैं. हर तरफ गोविंदा आला रे और कान्हा के आगमन को लेकर खुशियां है.

“कई दिनों से जन्माष्टमी को लेकर तैयारियां चल रही हैं. यहां के लोग पूरा सहयोग कर रहे हैं. सोमवार को जन्माष्टमी है और भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर धूमधाम से कार्यक्रम मनाया जाएगा. रात्रि में कीर्तन और भजन का भी आयोजन किया गया है, जिसमें महिलाएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगी”: विनय तिवारी, एमसीबी कृष्ण मंदिर के पुजारी

जन्माष्टमी पूजा का शुभ काल और कैसे करें पूजा ?: पंडित विनय तिवारी ने बताया कि” भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त सोमवार की मध्यरात्रि 12 बजे से शुरू हो जाएगा और पूजा 12 बजकर 44 मिनट तक होगी. नीला रंग भगवान श्रीकृष्ण को बेहद प्रिय है. इसलिए इस दिन विशेष रूप से नीले रंग के वस्त्र को पहनें और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस रंग का वस्त्र धारण करने से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं. मोर पंख और पालने के भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा को रखें और उन्हें स्नान कराएं. उसके बाद उन्हें टीका करें. उसके बाद अगरबत्ती जलाएं और भगवान कृष्ण की पूजा करें “

कान्हा को क्या भोग लगाएं ?: पंडित विनय तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि” कान्हा को माखन मिश्री का भोग लगा सकते हैं. भगवान श्री कृष्ण को खीर, दूध, दही से बना पंचामृत,पेड़े, लड्डू और गाय के दूध से बनी मिठाई बहुत पसंद है. धार्मिक कथाओं के अनुसार श्री कृष्ण को माखन और मिश्री सबसे अधिक प्रिय है. माना जाता है कि माखन मिश्री के भोग के बिना जन्माष्टमी का पावन पर्व अधूरा होता है. इसलिए भगवान श्रीकृष्ण को माखन मिश्री,खीर, पेड़े और लड्डू का भोग लगाएं.”

गली गली में गोविंदाओं की टोली तैयार: छत्तीसगढ़ की गली गली में गोविंदाओं की टोली तैयार है. रायपुर के गुढ़ियारी मैदान में प्रदेश के सबसे बड़े दही हांडी उत्सव का आयोजन किया गया है. यहां गायक हंसराज रघुवंशी और गायिका गरिमा स्वर्णा दिवाकर भजन गीतों से समा बांधेंगे. यहां दही हांडी उत्सव में दूर दूर से गोविंदाओं की टोली शिरकत करने आ रही है. एमसीबी में भी दही हांडी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है. यहां हर गली मोहल्ले में मटकी फोड़ प्रतियोगिता की जाएगी.

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