महाराष्ट्र के बदलापुर एनकाउंटर पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुलिस से तीखे सवाल पूछे हैं. हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा है कि आरोपी के सिर पर गोली कैसे लगी, जबकि पुलिस को इसकी ट्रेनिंग दी जाती है कि गोली कहां चलानी है. कोर्ट ने आगे कहा कि उन्हें (पुलिस) हाथ या पैर में गोली चलानी चाहिए थी.
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की बेंच ने कहा,’पीछे चार पुलिसवाले थे, फिर कैसे संभव है कि वे एक कमजोर आदमी को काबू न कर पाएं, वह भी गाड़ी के पिछले हिस्से में. आरोपी के आगे दो पुलिसवाले और बगल में दो पुलिसवाले थे.’
जस्टिस चव्हाण ने सुनवाई के दौरान कहा,’पिस्टल पर फिंगर प्रिंट होने चाहिए और हैंड वॉश होना चाहिए. क्या यह हो गया? अगली तारीख पर सब कुछ पेश कीजिए. आपके मुताबिक उसने 3 फायर किए लेकिन सिर्फ 1 ही लगा. बाकी 2 कहां हैं? क्या यह पुलिसकर्मी पर सीधा फायर था या रिकोशे फायरिंग?’ पुलिस अधिकारी को क्या चोट आई है? छेदने वाली या ब्रश वाली?’
क्या था बदलापुर कांड?
बदलापुर पुलिस ने अक्षय शिंदे को दो स्कूली बच्चियों के साथ हुए यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया था. इस घटना के सामने आने के बाद स्कूली बच्चों के अभिभावक और स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन में भाग लिया, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं. विरोध के दौरान प्रदर्शनकारियों ने स्कूल में तोड़फोड़ की और ‘रेल रोको’ के दौरान स्थानीय रेलवे स्टेशन पर पथराव भी किया.
बताया जा रहा है की आरोपी अक्षय की दो शादियां हो चुकी थी. पहली पत्नी ने उसे छोड़ दिया था. पहली पत्नी के छोड़ने के 4 महीने बाद ही उसने दूसरी शादी कर ली थी. हालांकि, उसकी आदतों की वजह से उसकी दूसरी पत्नी ने भी उसे छोड़ दिया. 16 अगस्त को स्कूल के बाथरूम में दो बच्चियों के साथ यौन शोषण का मामला उजागर होने के बाद उसके खिलाफ केस दर्ज करवाया गया था. इसके बाद पुलिस ने आरोपी को पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया था.