Vayam Bharat

US Elections: अमेरिका में नतीजों के बाद ट्रंप को सत्ता कैसे सौंपी जाएगी? इन 4 तारीखों से समझिए

दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में से एक अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव डोनाल्ड ट्रंप जीत गए हैं. वे अब अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति होंगे. अमेरिका की 538 सीटों में से ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी को 277 सीटें मिली हैं. बहुमत के लिए 270 सीटों की जरूरत होती है. वहीं, कमला हैरिस मैजिक नंबर से काफी दूर रहीं. उनकी डेमोक्रेटिक पार्टी ने 224 सीटों पर जीत दर्ज की है.

Advertisement

ट्रंप की यह जीत ऐतिहासिक भी है क्योंकि अमेरिका के इतिहास में ऐसा सिर्फ दूसरी बार हुआ, जब किसी राष्ट्रपति ने एक चुनाव हारने के बाद फिर से व्हाइट हाउस में वापसी की हो. 132 साल पहले ग्रोवर क्लीवलैंड 2 बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे. उन्होंने 4 साल के अंतराल पर 1884 और 1892 के राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की थी.

मगर ठहरिए, ऐसा नहीं है कि अमेरिका में वोटों की गिनती हो गई, नतीजे आ गए तो बात यहीं खत्म हो गईं. ये तो बस पहला पड़ाव है जो अभी पार हुआ है. अभी तो कई और पड़ाव हैं जिससे होकर ट्रंप को गुजरना है. तब जाकर वो राष्ट्रपति की जिम्मेदारी संभालेंगे. मोटे तौर पर अगर समझें तो 2025 के जनवरी महीने में नए राष्ट्रपति का शपथ होगा और फिर वे अपना चार साल का कार्यकाल शुरू कर पाएंगे.

तो आइए जानते हैं कि नतीजों से पद संभालने तक अभी अमेरिका में क्या-क्या अहम होने वाला है, शपथ ग्रहण में इतना समय क्यों लगता है और मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन कैसे ट्रंप को सत्ता ट्रांसफर करेंगे?

पहली अहम तारीख- 10 नवंबर

वोटों की गिनती और नतीजों के बाद अब सभी राज्यों के इलेक्टर्स तय होंगे. यह मिलकर इलेक्टोरल कॉलेज बनाएंगे जो राष्ट्रपति का चुनाव करेंगे. 10 नवंबर के बाद राज्यों में इलेक्टर को सर्टिफाई (सत्यापित) करने की प्रक्रिया शुरू होती है. इसे सर्टिफिकेट ऑफ असर्टेनमेंट कहते हैं. अगर कहीं कोई विवाद होता है और दोबारा काउंटिंग की स्थिति बनती है तो इस प्रक्रिया में देरी भी लग सकती है. इस चुनाव में यह प्रक्रिया पूरी करने की आखिरी तारीख 11 दिसंबर है.

जो सर्टिफिकेट जारी होते हैं, उसमें यह भी लिखा होता है कि जीतने वाले इलेक्टर्स राष्ट्रपति चुनाव में किसे सपोर्ट कर रहे थे. हर एक सर्टिफिकेट की सात कॉपियां बनती हैं, जिस पर गवर्नर का साइन और राज्य का मुहर लगा होता है. इस तरह, आप देखेंगे कि 11 दिसंबर तक सभी 50 राज्यों में 538 इलेक्टर्स तय हो चुके होंगे.

दूसरी अहम तारीख- 17 दिसंबर

17 दिसंबर को अपने-अपने राज्यों में सभी इलेक्टर्स मिलेंगे और राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति का चुनाव करेंगे. ये इलेक्टर्स अपने वोट के साथ साइन किया हुआ सर्टिफिकेट वॉशिंगटन डीसी भेजेंगे. अमेरिकी संविधान में यह कहीं नहीं लिखा है कि इलेक्टर को पॉपुलर वोट को फॉलो करना होगा.

लेकिन कई राज्यों के कानून में ऐसा करना जरूरी है. जुलाई 2020 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया था कि जिन राज्यों में कानून लागू है, वहां के इलेक्टर्स को पॉपुलर वोट को ही फॉलो करना होगा. यानी जिसे जनता चुनेगी उसे ही वोट देना होगा.

तीसरी अहम तारीख- 6 जनवरी 2025

सभी राज्यों से इलेक्टर के वोट 6 जनवरी को वॉशिंगटन पहुंचेंगे. यहीं अमेरिकी संसद कैपिटल हिल है. जनवरी के पहले हफ्ते में सांसदों का संयुक्त सत्र (जॉइंट सेशन) बुलाया जाता है. इसी सत्र में उपराष्ट्रपति के सामने ही इलेक्टर्स के वोटों को गिना जाता है.

जो कैंडिडेट 538 में से 270 वोटों के आंकड़े को पार कर जाएगा, उसके नाम का नए राष्ट्रपति के रूप में ऐलान हो जाता है. क्योंकि मौजूदा उपराष्ट्रपति सीनेट के अध्यक्ष के रूप में भी काम करते हैं, तो कमला हैरिस ही 2025 में इस गिनती की अध्यक्षता करेंगी.

चौथी अहम तारीख- 20 जनवरी 2025

वोटिंग के अलावा अमेरिका में यह भी पहले से तय होता है कि नया प्रेसिडेंट कब शपथ लेगा. अमेरिकी संविधान के मुताबिक, 20 जनवरी को नया राष्ट्रपति पद की शपथ लेता है. इसी दिन मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन चुने हुए नए राष्ट्रपति को सत्ता सौपेंगे. इसे इनॉगरेशन डे भी कहते हैं. पहली बार साल 1937 में 20 जनवरी को शपथ ली गई थी. उस समय अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट ने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लिया था.

शपथ ग्रहण समारोह में क्या होगा?

शपथ ग्रहण समारोह को लेकर 1933 में तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट ने एक परंपरा की शुरूआत की थी जो आज भी अमेरिका में जारी है. इस दिन सबसे पहले नए राष्ट्रपति अपने आवास से निकलकर चर्च जाते हैं. इसके अलावा कैपिटल बिल्डिंग में आने से पहले नए राष्ट्रपति, मौजूदा राष्ट्रपति से मिलने जाते हैं. यहां दोनों के बीच औपचारिक संवाद होता है.

हालांकि, जब जो बाइडेन 2021 में राष्ट्रपति बने थे तो उनके शपथ ग्रहण के दौरान पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प लंबी छुट्टी पर चले गए थे. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि अगर इस बार ट्रंप राष्ट्रपति बनते हैं तो क्या जो बाइडेन उनके शपथ ग्रहण में शामिल होते हैं या नहीं. इस मुलाकात के बाद नए राष्ट्रपति कैपिटल बिल्डिंग जाते हैं.

जहां सबसे पहले उपराष्ट्रपति को शपथ दिलाई जाती है. उसके बाद बारी आती है राष्ट्रपति के शपथ लेने की. प्रेसिडेंट को शपथ दिलाने की जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की होती है. शपथ के बाद राष्ट्रपति अमेरिका की जनता को संबोधित करते हैं. यह कार्यक्रम हो जाने के बाद नए राष्ट्रपति की प्रेसिडेंट रूम में साइनिंग सेरेमनी होगी. इस दौरान राष्ट्रपति नॉमिनेशन और पद ग्रहण करने के बाद अपने पहले आदेशों को साइन करते हैं.

Advertisements