वो लोगों को निवेश के बदले मोटे मुनाफे का लालच देता था. उन्हें एसयूवी कार देने का वायदा करता था. दिन में सुनहरे सपने दिखाकर अपना बैंक बैलेंस बढ़ाता जा रहा था. इस काम के लिए उसने कई फर्जी कंपनियां खोल रखी थीं. लेकिन कहते हैं ना कि पाप का घड़ा जब भर जाए, तो फूटता जरूर है.
राजस्थान के इस नटवरलाल के साथ भी ऐसा ही हुआ. लगातार शिकायतों के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और हैरान करने वाले खुलासे हुए. इसके बाद इस ठग को उसके दो साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया.
जी हां, हम बात कर रहे हैं राजस्थान के करोड़पति ठग प्रिंस सैनी की, जो फिलहाल सलाखों के पीछे है. उसके साथ दो साथी ममता भाटी और दिनेश बागड़ी भी पकड़े जा चुके हैं. राजस्थान पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) की कार्रवाई में इस बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ.
पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी ने फर्जी कंपनियों के जरिए लोगों से 50 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की है. रविवार को हुई गिरफ्तारी के बाद तीनों आरोपियों को रिमांड के लिए सोमवार को अदालत में पेश किया जाएगा.
एसओजी के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि जोधपुर जिले के धोरू गांव का रहने वाला प्रिंस सैनी उर्फ बंशीलाल हाल ही में 250 लोगों को 6-6 लाख रुपए में एक एसयूवी दिलाने का वादा कर ठगी करता रहा. पुलिस जांच में यह भी पता चला कि वो साल 2017 में 12वीं में फेल हो गया था.
इसके बाद लोगों से ठगी करने के लिए उसने कई फर्जी कंपनियां बनाई, जिनमें ट्रोनेक्स वर्ल्ड और एक चेन-सिस्टम सॉफ्टवेयर कंपनी शामिल थीं. इन कंपनियों के जरिए उसने 54 लोगों से 6.48 लाख रुपए की ठगी कर ली.
साल 2022 में प्रिंस सैनी ने ग्रो मोर एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड शुरू की, जिसमें 2200 छात्रों से 3000 रुपए वार्षिक शुल्क लिया गया. इस तरह छात्रों से कुल 66 लाख रुपये ठगे गए.
इसके बाद उसने ग्रुमर एजुकेशन और हार्वेस्ट एआई टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर निवेशकों को 96 से 120 फीसदी रिटर्न और एसयूवी का वादा करके 250 लोगों से 15 करोड़ रुपए जुटाए. हालांकि, जांच के दौरान उसके बैंक खातों में केवल 2.5 लाख रुपए मिले. इससे यह साफ हुआ कि उसने देश छोड़ने की योजना बनाई थी.
इस जालसाजी में उसके दो साथी ममता भाटी और दिनेश बागड़ी भी शामिल थे. एसओजी ने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ ठगी, धोखाधड़ी और जालसाजी के कई मामले दर्ज किए जाएंगे.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस कार्रवाई से निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और वित्तीय नुकसान से बचाया जा सकेगा. पुलिस पूरे नेटवर्क की पड़ताल कर रही है ताकि अन्य संभावित शिकारों की भी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. बताते चलें कि पूरे देश में आए दिन ठगी के नए-नए तरीके लोगों के सामने आ रहे हैं.