गड़े खजाने के लिए दी मानव बलि… कोर्ट के आदेश पर 7 महीने बाद कब्र से निकाला शव, होगा पोस्टमार्टम

उत्तर प्रदेश के संभल में डीएम ने फिरासत हत्याकांड मामले में पुलिस को 7 महीने बाद शव निकालने का आदेश दिया. पुलिस ने फिरासत के शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. मृतक फिरासत के पिता ने कोर्ट से न्याय की गुहार लगाते हुए बेटे के हत्यारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी. जिसके बाद कोर्ट ने पुलिस को गांव के ही चार आरोपियों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था. परिवार का कहना है कि गांव के ही चार लोगों ने लालच में आकर उनके बेटे की हत्या कर दी थी.

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संभल के नेहटा गांव में रहने वाले फिरासत की हत्या 29 अगस्त 2024 को हुई थी. पुलिस और प्रशासन की लापरवाही के कारण ना तो मामले में कोई एफआईआर दर्ज की गई थी और न ही शव को पोस्टमार्टम कराया था. परिवार ने सिस्टम के सामने बेबस होकर गांव के ही कब्रिस्तान में बेटे फिरासत के शव को दफना दिया था. पूरी घटना को लेकर परिवार का आरोप था कि उनके बेटे की हत्या गांव के ही अंसार, दिलशाद, इदरीश और राशिद ने लालच में आकर की थी.

पुलिस ने नहीं की थी कार्रवाई

परिवार का आरोप है कि फिरासत को झांसे में फंसाकर आरोपी एक सुनसान जगह ले गए थे, जहां उसकी उन लोगों ने मिलकर हत्या कर दी थी. हत्या के बाद आरोपियों ने मामले को एक्सीडेंट को रूप देने की कोशिश की थी. बेटे की मौत के बाद परिवार ने पुलिस ने न्याय की गुहार लगाई है, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की थी. इसके बाद मृतक के पिता शाहबुद्दीन ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

कोर्ट ने दिया थामुकदमा दर्ज करने का आदेश

कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए 11 फरवरी 2025 को पुलिस को चारों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था. हालांकि, इसके बाद भी न्याय की प्रक्रिया कहीं अधूरी नजर आ रही थी. फिरासत के शव का पोस्टमार्टम नहीं हुआ था. फिरासत के शव को पोस्टमार्टम करवाने के लिए परिजनों ने 19 मार्च को डीएम को एक पत्र देकर पोस्टमार्टम कराने की अनुमति मांगी थी. जिस पर डीएम ने अपनी अनुमति दे दी है.

7 महीने बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा

डीएम की अनुमति के बाद पुलिस ने युवक के शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. 7 महीने बाद शव निकालने के कारण शव पूरी तरह से गल गया था. शव में केवल हड्डियां बची थी. पिता शहाबुद्दीन ने कहा कि बेटे के लिए बहुत संघर्ष किया है. अब हमें उम्मीद है कि पीएम रिपोर्ट में सच सामने आ जाएगा, जिससे आरोपियों को सजा मिलेगी. पूरे मामले में अब पुलिस और परिवार पीएम रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है.

10 किलो सोने को लेकर की हत्या

पुलिस की कहना है कि रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि होती है तो आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. मामले की जानकारी होते ही मृतक के पिता शाहबुद्दीन ने बताया कि फिरारात की दोस्ती गांव के ही अंसार के साथ थी. अंसार ने फिरासत को राशिद, इदरीश और दिलशाद से मिलवाया था. दिलशाद जादू-टोना का काम करता है उनसे अपने दोस्त अंसार को बताया कि वह अपने जादू-टोना से लखी बाग किला शाहबाद रामपुर में गड़े हुए 10 किलो सोने को अपने गांव नेहटा जारत पर ला सकता है, लेकिन इसके लिए उसे किसी की बलि देनी होगी.

आरोपियों ने हत्या को बताया था एक्सीडेंट

परिवार का आरोप है कि इसके बाद 29 अगस्त को अंसार ने फिरासत को फोन किया और कहा कि बहजोई रोड नेहटा जारत के पास आ जाओ. वहां से बकरी के लिए पत्ते तोड़कर चलते है. पिता ने आगे बताया कि इसके बाद आरोपियों ने उसकी बेरहमी से हत्या कर दी. इसके बाद लहूलुहान हालत में अंसार और इदरीश फिरासत को लेकर उसके घर पहुंचे, जहां उन्होंने परिवार का बताया कि फिरासत एक्सीडेंट में घायल हो गया है. बेटे को लहूलुहान हालत में देखकर परिवार बहुत परेशान हो गया है और वह तुरंत उसे लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद फिरासत को मृत घोषित कर दिया .

 

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