बलांगीर: ओडिशा के जंगल में एक 13 साल के बच्चे का शव मिलने से हड़कंप मच गया. मामला बलांगिर जिले के लाथोर पुलिस सीम के अंतर्गत झलियालिटी गांव का है. इस इलाके में स्थित घने जंगल से एक नाबालिग का शव बरामद हुआ है. परिवार का आरोप है कि, किसी अज्ञात शख्स ने बलि के लिए बच्चे की हत्या कर दी. मृतक बच्चा सोमनाथ बिवर गुरुवार से ही लापता था.
जलपंकेल गांव के तपन बिवर के बेटे सोमनाथ को गुरुवार को शाम करीब 4 बजे आखिरी बार देखा गया था. जब उसके माता-पिता उसे ढूंढ नहीं पाए, तो उन्होंने गांव वालों और रिश्तेदारों को इसकी सूचना दी. काफी खोजबीन के बाद भी बच्चे का कही कोई पता नहीं चला. हारकर उन्होंने स्थानीय पुलिस स्टेशन में बच्चे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. अगले दिन शुक्रवार की सुबह बच्चे का शव जंगल में मिला.
परिवार के सदस्यों ने बताया कि किसी ने शव को दफनाने की कोशिश की थी, लेकिन वह खुला रह गया. मृतक बच्चे के पिता तपन ने कहा है कि, उन्हें यकीन है कि, मानव बलि के नाम पर उनके बेटे की हत्या कर दी गई. उन्होंने बताया कि, पूर्णिमा की रात ऐसी रस्में (नर बलि) आम हैं.” उन्होंने कहा कि, सैकड़ों ग्रामीणों के साथ परिवार के सदस्यों ने पूरी रात बच्चे की तलाश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
ग्रामीण नारायण हंस ने कहा, “हम सोमनाथ की तलाश में पूरी रात जागते रहे, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला.” वहीं घटना से गुस्साए ग्रामीणों और पीड़ित परिवार ने नुआपाड़ा रोड पर जाम लगा दिया और जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की मांग की. पुलिस को सूचना मिलने के बाद वे मौके पर पहुंचे और घटना की जांच शुरू की. वैज्ञानिक टीम और डॉग स्क्वायड ने भी सभी कोणों से जांच की.
पटनागढ़ के एसडीपीओ सदानंद पुजारी ने पुष्टि करते हुए कहा, “गांव के एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है. हमें संदेह है कि हत्या का संबंध पहले से चली आ रही पारिवारिक दुश्मनी से हो सकता है.” उन्होंने कहा, “जांच जारी है और परिवार के आरोपों सहित सभी संभावित एंगल की जांच की जा रही है.”
अंधविश्वास के नाम पर हो रही हत्या
देश के कई राज्यों से अनुष्ठान या अंधविश्वास के नाम पर मानव बलि के मामले सामने आए हैं।. वैसे तो जादू-टोना, काला जादू और अंधविश्वास जैसी प्रथाओं पर रोक लगाने वाले कानून हैं, लेकिन दूरदराज के गांवों में ये बेरोकटोक जारी हैं. हाल ही में, उत्तर प्रदेश के हाथरस में, पुलिस ने डीएल पब्लिक स्कूल से जुड़े कई लोगों को गिरफ़्तार किया, जहां एक 11 वर्षीय लड़के की मौत हो गई, जिसकी कथित तौर पर स्कूल के भाग्य को बढ़ाने के लिए एक अनुष्ठान के तहत बलि दी गई थी.
माना जाता है कि, स्कूल के मालिक ने इस कृत्य की साजिश रची थी. लड़के का कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया, गला घोंट दिया गया और बाद में गलत तरीके से बताया गया कि उसे इलाज के लिए ले जाया जा रहा है. कुछ महीने पहले, अंबाला में एक दुकानदार की कथित तौर पर एक महिला ने हत्या कर दी थी, जिसने कहा था कि एक देवी ने उसे सपने में मानव बलि की मांग करते हुए दर्शन दिए थे.
पिछले साल, ओडिशा पुलिस ने अंगुल जिले में एक 14 वर्षीय लड़के की कथित तौर पर हत्या करने के आरोप में एक शख्स और उसके तीन बेटों को गिरफ्तार किया था.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, 2014 से 2021 तक देश में कुल 103 अनुष्ठानिक बलि दी गई हैं. 2015 में सबसे ज़्यादा 24 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2018 में सबसे कम चार मामले दर्ज किए गए. 2014-2021 के बीच छत्तीसगढ़ में सबसे ज़्यादा 14 मामले दर्ज किए गए, जबकि कर्नाटक में 13 और झारखंड में 11 मामले दर्ज किए गए.