मऊगंज :“डिजिटल इंडिया की बात, ज़मीनी सच्चाई से मात” — इसी नारों के साथ मऊगंज में मंगलवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने फेस रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS) के खिलाफ ज़बरदस्त प्रदर्शन किया.आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन के बैनर तले सैकड़ों महिलाएं सड़क पर उतरीं और जिला कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर अपनी 6 सूत्रीय मांगों वाला ज्ञापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी के नाम सौंपा.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने FRS को जनविरोधी, अपमानजनक और तकनीकी रूप से विफल प्रणाली बताते हुए इसे तत्काल समाप्त करने की मांग की.यूनियन पदाधिकारियों ने कहा कि यह व्यवस्था न केवल उनकी निजता का उल्लंघन करती है, बल्कि जंगल-पहाड़ी जैसे इलाकों में नेटवर्क न होने के कारण हाजिरी दर्ज न हो पाने से उन्हें गैरहाज़िर दिखाया जाता है, जिससे उनका मानदेय भी रोका जा रहा है.
प्रदर्शन के प्रमुख बिंदु और मांगें इस प्रकार हैं:
1. FRS प्रणाली की अनिवार्यता तत्काल समाप्त की जाए।
यूनियन का कहना है कि चेहरों की पहचान पर आधारित उपस्थिति प्रणाली तकनीकी रूप से असक्षम है और इसे थोपा जाना कार्यकर्ताओं की गरिमा को ठेस पहुंचाता है।
2. सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाया जाए।
रिपोर्टिंग सिस्टम लागू करने से पहले केंद्रों को कंप्यूटर/लैपटॉप से लैस किया जाए.
3. सभी कार्यकर्ताओं को 5G स्मार्टफोन व मुफ्त वाई-फाई की सुविधा दी जाए.
जब तक केंद्रों में संसाधन नहीं मिलते, तब तक उच्च गुणवत्ता वाले मोबाइल फोन और नेटवर्क सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं.
4. आधार/चेहरे की पहचान के बिना भी लाभार्थियों को पोषण आहार मिले.
यूनियन ने बताया कि तकनीकी बाधाओं के चलते अनेक महिलाएं व बच्चे पोषण योजनाओं से वंचित हैं.
5. पोषण ट्रैकर ऐप की समीक्षा हेतु राज्य स्तरीय बैठक बुलाई जाए.
ऐप में आ रही समस्याओं और नेटवर्क की दिक्कतों को लेकर तत्काल संवाद आवश्यक है.
6. सम्मानजनक कार्य-परिस्थितियाँ सुनिश्चित की जाएं.
बिना संसाधनों के तकनीकी प्रणाली थोपना “डिजिटल उत्पीड़न” के समान है.
कड़ी चेतावनी दी यूनियन ने
यूनियन ने साफ कहा कि यदि प्रशासन ने इन मांगों पर तत्काल कार्यवाही नहीं की, तो आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा.