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97 साल बाद Chess Olympiad में भारत ने जीते 2 गोल्ड, महिलाओं का भी धमाल

शतरंज की दुनिया में रविवार 22 सितंबर 2024 का दिन भारत के लिए हमेशा के लिए सुनहरे पन्नों में दर्ज हो गया है. चेस के इतिहास में भारत ने पहली बार ओलंपियाड का गोल्ड मेडल जीत लिया है. हंगरी में चल रहे चेस ओलंपियाड 2024 में भारत पहली बार ओपन सेक्शन (पुरुष) और महिला कैटेगरी में एक साथ चैंपियन बन गया. डी गुकेश, आर प्रग्नानंद, अर्जुन एरिगेसी समेत 5 खिलाड़ियों वाली भारतीय मेंस टीम ने ओपन कैटेगरी का गोल्ड मेडल अपने नाम किया. इसके बाद तानिया सचदेव, आर वैशाली, दिव्या देशमुख वाली महिला टीम ने भी गोल्ड मेडल अपने नाम करते हुए इतिहास रच दिया. भारत ने न सिर्फ पहली बार दोनों कैटेगरी के गोल्ड जीते, बल्कि एक ही साथ दोनों गोल्ड जीतकर तहलका मचा दिया.

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हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में पिछले कई दिनों से जारी 45वें चेस ओलंपियाड में पहले ही भारत को खिताब का दावेदार माना जा रहा था. इंटरनेशनल चेस फेडरेशन (FIDE) की ओर से आयोजित होने वाला ये चेस की दुनिया का सबसे बड़ा टीम टूर्नामेंट है, जिसमें अलग-अलग देश हिस्सा लेते हैं. भारत ने 2022 में पहली बार इसकी मेजबानी की थी. तब भारत ने ओपन सेक्शन और महिला इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीते थे. भारतीय पुरुषों ने उससे पहले 2014 में भी ब्रॉन्ज जीता था, लेकिन पहली बार दोनों इवेंट्स में भारत चैंपियन बना.

आखिरी राउंड में धमाकेदार जीत के साथ चैंपियन

भारत की ओर से इस बार ओपन सेक्शन में गुकेश, प्रग्नानंदा, अर्जुन एरिगेसी, विदित गुजराती और पी हरिकृष्णा की टीम मुकाबले में थी. भारतीय टीम ने शनिवार को अमेरिका के खिलाफ जीत के साथ ही अपना गोल्ड मेडल लगभग पक्का कर लिया था. तब 19 पॉइंट्स के साथ भारत पहले स्थान पर था, जबकि उसके पीछे चीन 17 पॉइंट्स के साथ दूसरे नंबर पर था. रविवार को भारत को 11वें और आखिरी राउंड में सिर्फ ड्रॉ की जरूरत थी लेकिन भारत ने 3-0 से मुकाबला जीतते हुए खिताब पर कब्जा किया. ग्रैंडमास्टर गुकेश, अर्जुन और प्रग्नानंद ने अपने-अपने मुकाबले जीते और इस तरह भारत ने एक मैच रहते हुए ही इस राउंड के साथ ही खिताब भी जीत लिया. भारत ने सभी 11 राउंड में कुल 22 में से 21 पॉइंट्स हासिल किए.

अजरबैजान को हराकर महिला टीम बनी चैंपियन

दूसरी ओर महिला सेक्शन में वैशाली, तानिया, दिव्या के अलावा डी हरिका और वंतिका अग्रवाल भी शामिल थीं. आखिरी राउंड से पहले भारतीय टीम और कजाखस्तान संयुक्त रूप से पहले स्थान पर थे. ऐसे में भारती टीम को खिताब के लिए हर हाल में आखिरी राउंड के मुकाबले में अजरबैजान को हराने की जरूरत थी. भारत की ओर से हरिका, दिव्या और वंतिका ने अपने-अपने मैच जीते, जबकि वैशाली का मुकाबला ड्रॉ रहा. इस तरह भारतीय टीम ने ये राउंड 3.5-0.5 पॉइंट्स के साथ अपने नाम किया और गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया.

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