नर्मदापुरम में तवा नदी के किनारे एक बाघ का शिकार किया गया। शिकारी टाइगर का पंजा काटकर ले गए। शुक्रवार सुबह वन विकास निगम की जमीन से लगी तवा नदी के बैक वाटर में एसटीआर (सतपुड़ा टाइगर रिजर्व) की गश्ती टीम को शव मिला।
मौके पर पहुंची फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा ने बताया कि बाघ के एक पैर का पंजा गायब है। बाकी तीन पंजे सुरक्षित मिले हैं। शव को नदी से निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। जिले में 10 दिन में दूसरे बाघ की मौत है।
शिकारियों की तलाश में जुटी टीम
डिप्टी डायरेक्टर ऋषभा नेताम ने बताया कि तवा नदी के बैक वाटर में बाघ मृत अवस्था में मोटर बोट गश्ती टीम को दिखा। जिस जगह शव मिला वो वन विकास निगम का क्षेत्र है। वहां से बढ़ चापड़ा गांव नजदीक है। बाघ नदी में कहीं से बहकर आया है या शिकारियों ने उसी जगह फेंका इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। डॉग स्क्वॉड भी मौके पर पहुंचा है। केस दर्ज कर लिया है।
12 अगस्त को भी मृत मिला था एक टाइगर
यह जिले में पिछले 10 दिन में टाइगर की दूसरी मौत है। 12 अगस्त को मढ़ई के कोर क्षेत्र में लगदा कैंप के पास भी एक टाइगर पानी में मृत पाया गया था। उस समय अधिकारियों ने इसकी वजह आपसी संघर्ष बताई थी। हालांकि शुक्रवार को शव जिस क्षेत्र में मिला वह वन विकास निगम के क्षेत्र में आता है, जहां कोर और बफर क्षेत्र से दूरी होने के कारण आपसी संघर्ष की संभावना कम मानी जा रही है।
2023 में शिकारी गर्दन काट ले गए थे
पिछले दो महीनों में एसटीआर में एक टाइगर और एक तेंदुआ की मौत के मामले सामने आ चुके हैं। दोनों घटनाएं जंगल के भीतर हुईं और प्रबंधन ने इनकी वजह दूसरे वन्य प्राणी से संघर्ष बताई थी। लेकिन शुक्रवार का मामला वन विकास निगम क्षेत्र में होने के कारण सुरक्षा और संरक्षण की जिम्मेदारी पर सवाल उठ रहे हैं।
वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि चूरना क्षेत्र में पहले भी टाइगर के शिकार के मामले सामने आ चुके हैं। जून 2023 में शिकारी बाघ की गर्दन काटकर ले गए थे। टाइगर और तेंदुआ की बढ़ती मौतों से वन्यजीवों की सुरक्षा पर गंभीर चिंता व्यक्त की जा रही है।