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पति पाकिस्तानी,बीवी बांग्लादेशी,ठिकाना भारत…10 साल बाद कैसे पकड़े गए

कर्नाटक के बेंगलुरु में पिछले 10 सालों से पाकिस्तानी शख्स अपने परिवार संग अवैध तरीके से रह रहा था. यहां तक कि उसने अपनी पहचान बदलकर एक रेस्टोरेंट भी खोल रखा था. उसकी बीवी बांग्लादेशी है. इन दोनों के अलावा शख्स के ससुराल वाले भी अवैध तरीके से भारत में आकर बस गए थे. पुलिस ने अब इन सभी को गिरफ्तार कर लिया है. जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.

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एक न्यूज एजेंसी की मानें तो पाकिस्तानी नागरिक की पत्नी बांग्लादेश से है और पहले वो ढाका में थे. वहीं दोनों की शादी हुई थी. बाद में यह जोड़ा साल 2014 में दिल्ली आया. फिर 2018 में बेंगलुरु चला गया. बाद में उसके सास-ससुर भी वहां आ गए. पाकिस्तान के कराची का राशिद अली सिद्दिकी ‘शंकर शर्मा’ बनकर अपनी बीवी और सास-ससुर के साथ बेंगलुरु में रह रहा था.

पुलिस ने बताया कि राशिद अली सिद्दिकी, उसकी पत्नी आयशा और उसके पिता हनीफ मोहम्मद और मां रुबीना बेंगलुरु आउटर के राजपुरा गांव में शर्मा परिवार बनकर रह रहे थे. उन्होंने अपना नाम शंकर शर्मा, आशा रानी, राम बाबू शर्मा और रानी शर्मा रखा हुआ था.

पाकिस्तान से होती थी फंडिंग

आरोप ये भी है कि सिद्दिकी परिवार आसपास के हिंदुओं को इस्लाम में कन्वर्ट करने में भी लगा था. इसके लिए उन्हें पाकिस्तान से फंडिंग होती थी. इसके अलावा बेंगलुरु में रहने वाले कई स्थानीय मुसलमान भी उनकी मदद कर रहे थे. 10 साल से यह सिलसिला यूं ही जारी था. लेकिन अचानक उनसे एक चूक हुई और 10 साल बाद परिवार की पोल खुल गई. पुलिस ने चारों के खिलाफ केस दर्ज कर अरेस्ट कर लिया है.

पुलिस ने बताया- खुफिया इनपुट के आधार पर चेन्नई एयरपोर्ट से 2 पाकिस्तानियों को गिरफ्तार किया गया था. वो ढाका की फ्लाइट से चेन्नई पहुंचे थे. उन्होंने पूछताछ में खुद को भारतीय बताया लेकिन जब उनके पासपोर्ट चेक किए गए तो वो फर्जी निकले. इसके बाद उनसे पूछताछ हुई तो बेंगलुरु में चोरी-छुपे रह रहे ऐसे पाकिस्तानी परिवार का पता चला जो फर्जी तरीके से वहां रह रहा था और खुद को हिंदू बताता था.

भागने की फिराक में थे सभी

इसी सूचना के आधार पर रविवार को जब पुलिस उस परिवार के घर पहुंची तो देखा कि वो लोग पैकिंग कर रहे हैं. शायद उन्हें इसकी भनक पहले ही लग चुकी थी और वो भागने की फिराक में थे. लेकिन उससे पहले ही पुलिस उनके घर आ धमकी. उनसे भारत में रहने के दस्तावेज मांगे गए. राशिद ने पुलिस को तब अपना नाम शंकर शर्मा बताया. बताया कि वो परिवार के साथ 2018 से बेंगलुरु में रह रहा है. लेकिन पुलिस को उन पर शक हुआ.

पुलिस ने जब घर में तलाशी ली तो वहां उन्हें मेहंदी फाउंडेशन इंटरनेशनल जश्न-ए-यूनुस दीवार पर लिखा मिला. साथ ही घर में कुछ मौलवियों की तस्वीरें भी दिखीं. पुलिस को फिर यकीन हो गया कि परिवार झूठ बोल रहा है. उन्होंने मियां, बीवी, सास और ससुर को गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल उनसे पूछताछ की जा रही है.

रेस्टोरेंट भी चला रहा था परिवार

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘एक परिवार के चार लोग फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अवैध रूप से यहां जिगानी इलाके में रह रहे थे. उन्होंने रेस्टोरेंट भी खोल रखा है. पुलिस ने इनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. चारों से पूछताछ की जा रही है. पूछताछ के नतीजे के आधार पर हम आगे की कार्रवाई करेंगे. उन्होंने फर्जी नामों से पहचान पत्र बनवाए हैं.’

क्या बोले कर्नाटक के गृहमंत्री?

कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने कहा, ‘वे कैसे आए? वे सभी क्यों आए? इन सभी की जांच की जाएगी. अगर वे पिछले 10 सालों से भारत में थे… अगर यह सच है तो खुफिया एजेंसियां ​​उनका पता क्यों नहीं लगा पाईं? वे (भारतीय) पासपोर्ट बनवाने की हद तक चले गए… ऐसे में आधार कार्ड बनवाना उनके लिए कोई मायने नहीं रखता. उन्होंने अपना नाम बदल लिया और एक रेस्टोरेंट भी संचालित कर रहे थे.’

 

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