मैं अजगर नहीं, फरियादी हूं – शिकायती पत्रों की माला पहन रेंगते हुए पहुंचा अधिकारी के ऑफिस…

मध्य प्रदेश में गर्मी का मौसम शुरू होते ही हालत बिगड़ गए हैं. पानी की किल्लत चरम पर है. ऐसे ही पानी न मिलने से परेशान होकर सीहोर जिले के बिशन खेड़ी गांव के लोग संभागायुक्त संजीव सिंह से मिलने पहुंचे. वह अभी तक मुख्यमंत्री प्रमुख सचिव, कलेक्टर समेत 500 से ज्यादा आवेदन दे चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हुई तो आवेदनों का अजगर बनकर रेंगते हुए संभागायुक्त कार्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने अपनी पीड़ा बताई.

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उनका कहना है कि पानी के बिना गांव में जीवन मुश्किल हो गया है. सरकार हमारी समस्या पर संज्ञान ले और जल्द समस्या का समाधान करें. पीड़ित बजरंगी नागर ने विरोध जताने के लिए खुद को अजगर का रूप दिया. दर्जनों आवेदनों की पूंछ बनाकर संभागायुक्त के सामने पहुंचे. उनका आरोप है कि सरपंच ने गांव के दोनों सरकारी कुओं पर जाली लगवाकर ताले लगवा दिए हैं. जिसकी वजह से लोगों को 2 किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है.

अजगर बनकर पहुंचा शख्स

पीएचपी विभाग ने दो बार बोरिंग के लिए मशीन भेजी, लेकिन स्थानीय नेताओं के दबाव में बोर नहीं करने दिया. ऐसा पहला मौका नहीं जब बिशन खेड़ी के गांववाले राजधानी भोपाल में अपनी मांग लेकर पहुंचे हो. करीब 2 महीने से गांववाले प्रशासन से मदद की उम्मीद लगाए बैठे है. हालांकि, समस्या का समाधान नहीं हुआ तो अनोखे ढंग से प्रदर्शन करते हुए आवेदनों का अजगर बनकर संभागायुक्त कार्यालय पहुंचे.

पानी की समस्या को लेकर प्रदर्शन

इस दौरान लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि वह जल्द ही गांव में पानी की समस्या को खत्म करें. ताकि वह बेहतर तरीके अपना जीवन यापना कर सके. इस पूरे मामले में ज्वाइंट कमिश्नर डॉ विनोद यादव का कहना है कि सीहोर के बिशन खेड़ी के कुछ ग्रामीण पानी की समस्या को लेकर आए थे. सीहोर जिला पंचायत सीईओ और पीएचई के अफसरों को जांच और समस्या निराकरण करने के निर्देश दिए हैं. जल्द समस्या का निराकरण किया जाएगा.

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