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28 साल से परेशान हूं, अब और नहीं जी सकता… सुसाइड नोट में मां-भाई का जिक्र कर युवक ने लगा ली फांसी

अयोध्यानगर थाना क्षेत्र स्थित नरेला शंकरी में एक बीटेक छात्र ने फांसी लगाकर जान दे दी। युवक बैतूल का रहने वाला है और सागर कालेज में पढ़ाई कर रहा था। सोमवार सुबह से स्वजनों का फोन नहीं उठा रहा था, जिसके बाद स्वजनों ने उसके दोस्तों को यह बात बताई। दोस्त उसके कमरे पर पहुंचे तो दरवाजा अंदर से बंद था और वह फांसी के फंदे पर लटका था।

सूचना पर पहुंची अयोध्यानगर पुलिस ने शव बरामद किया, उसके पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। प्रधान आरक्षक ओमप्रकाश मिश्रा के अनुसार, 20 वर्षीय सोहन देशमुख बैतूल के आटनेर का रहने वाला था। वह सागर कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई करते हुए नरेला शंकरी में किराए के कमरे में रहता था।

रविवार को उसकी बात स्वजनों से हुई थी। सोमवार को सुबह जब स्वजनों ने उसे फोन कि तो सोहन ने फोन का जवाब नहीं दिया, तब स्वजनों को शंका हुई तो उसके दोस्तों को फोन कर रूम पर जाने को कहा, दोस्त वहां पहुंचे तो सोहन फांसी के फंदे पर झूलता मिला।

28 साल से थक गया हूं… लिखकर लगा ली फांसी

भोपाल: चूनाभट्टी सी सेक्टर में ओसीडी (मानसिक) बीमारी से ग्रस्त एक व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह बीते 28 साल से बीमारी से पीड़ित थे और घर में ही रहते थे। सोमवार सुबह करीब 11 बजे कमरे में फांसी लगाकर उन्होंने खुदकुशी कर ली।

उनके पास से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है। उन्होंने बताया कि 28 साल से वह थक गए हैं। अब ज्यादा नहीं जी सकते। उन्होंने यह भी लिखा कि परिवार को परेशान न किया जाए। चूनाभट्टी पुलिस मामले की जांच कर रही है।

पुलिस के अनुसार 44 वर्षीय वीरेंद्र सिंह नेगी चूनाभट्टी में रहते थे। सोमवार को उनकी मां और बड़े भाई बैंक गए थे। बैंक जाने से पहले वे वीरेंद्र से मिले थे। करीब साढ़े 11 बजे वापस घर पहुंचे, तो वह फांसी के फंदे पर झूलते मिले।

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