“मांगा नींदा नाशक, मिला ज़हर! किसान की फसल बर्बाद, दुकानदार बोला – मैंने नहीं दी दवा!”

पन्ना : जिले के शाहनगर जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत नानचांद में एक किसान की मेहनत पर उस समय पानी फिर गया जब उसकी साढ़े तीन एकड़ की फसल रसायन के गलत प्रयोग से पूरी तरह सूखकर पीली पड़ गई. यह दुखद घटना उस समय घटी जब किसान ने नीदा नाशक (खरपतवार नियंत्रण हेतु) की मांग की थी, लेकिन उसे सफऱ चट (घास सुखाने की दवा) थमा दी गई.

 

 

पीड़ित किसान भूरा लोधी पिता फग्गु लोधी, निवासी ग्राम नानचांद, ने इस मामले में रीठी थाना में एक लिखित शिकायत भी दर्ज कराई है भूरा का आरोप है कि उसने रीठी कस्बे स्थित “श्रीवास्तव बीज व् कीट नाशक दवा विक्रय “, जो कि एक्सीलेंस हायर सेकेंडरी स्कूल के सामने संचालित है, से नीदा नाशक दवा मांगी थी.लेकिन दुकानदार द्वारा बिना स्पष्ट जानकारी के उसे घास सुखाने वाली दवा थमा दिया गया.

 

 

 

किसान भूरा लोधी ने बताया कि उसने उक्त दुकान से खरीदी गई दवा को अपने खेत में निर्देशानुसार प्रयोग किया.लेकिन दवा के छिड़काव के 5 से 7 दिनों के भीतर उसकी पूरी फसल पीली पड़ने लगी, और धीरे-धीरे पूरी तरह सूख गई. जब भूरा ने विक्रेता से संपर्क किया और दवा के प्रभाव की जानकारी दी, तो दुकानदार ने पहले उस पर ही गलत प्रयोग का आरोप लगाया.

 

 

भूरा का कहना है कि जब उसने विक्रेता को स्पष्ट रूप से बताया कि उसने निर्देश के अनुसार दवा का प्रयोग किया है, तब विक्रेता ने दवा की खाली बोतल मंगवाई और पहचानने से इनकार कर दिया और दवा की बॉटल छीन ली.अगले दिन विक्रेता का कहना था कि यह दवा उसने नहीं दी है.भूरा ने आरोप लगाया कि दुकान संचालक ने कोई पक्का बिल नहीं दिया, जिससे यह साबित करना किसान के लिए मुश्किल हो गया है कि दवा वहीं से खरीदी गई थी.

 

 

इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि-रसायन व्यवसायियों द्वारा किसानों को ठगने का सिलसिला थमा नहीं है। न पक्की रसीद दी जाती है, न दवा के सही उपयोग की जानकारी.इसके अलावा जब किसान नुकसान का सवाल करता है, तो उल्टा उसे ही धमकाया जाता है.

 

 

भूरा लोधी ने अपने बयान में कहा है कि, “मेरी साढ़े तीन एकड़ की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है.अगर पुलिस और प्रशासन इस मामले में कोई सख्त कार्रवाई नहीं करते हैं, तो मुझे आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं दिखता.”

 

 

रीठी पुलिस को दी गई शिकायत में भूरा लोधी ने मांग की है कि “श्रीवास्तव बीज व् कीट नाशक दवा विक्रय ” का लाइसेंस रद्द किया जाए, साथ ही विक्रेता पर कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी प्रकार का मुआवजा या सहायता नहीं मिली, तो वह आंदोलन करने पर भी मजबूर होंगे.

 

शिकायत के मुताबिक, दवा विक्रेता द्वारा गंभीर लापरवाहियाँ की गईं: किसान को माँगी गई दवा के बजाय दूसरी दवा देना, बिना पक्का बिल दिए सामान बेचना, नुकसान होने पर जिम्मेदारी से बचना, शिकायत करने पर किसान को धमकाना,

 

 

इस पूरे मामले में अब सवाल प्रशासन और कृषि विभाग की भूमिका पर उठने लगे हैं.क्या इस तरह से लाइसेंसधारी दुकानें किसानों को बिना प्रमाण के नुकसान पहुँचाती रहेंगी? क्या हर बार किसान को ही दोषी ठहराया जाएगा?
सबसे चिंताजनक बात यह है कि किसान भूरा लोधी ने आत्महत्या जैसा कदम उठाने की चेतावनी दी है.यह चेतावनी सरकार, पुलिस और कृषि विभाग के लिए एक गंभीर संकेत है कि यदि किसानों को समय पर न्याय नहीं मिला तो हालात और भयावह हो सकते हैं.

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