मैं तुम्हारे साथ तिहाड़ में सेल शेयर नहीं करना चाहता…’, मणिशंकर अय्यर ने सुनाया कलमाडी से जुड़ा किस्सा 

कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर (Mani Shankar Aiyar) ने गुरुवार को खेल मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी के साथ हुए मतभेदों को याद किया. उन्होंने कहा, “2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स आखिर में ‘राष्ट्रीय शर्म’ के रूप में खत्म हुए थे. अय्यर ने यह बयान जगरनॉट द्वारा प्रकाशित अपनी पुस्तक ‘A Maverick in Politics’ के विमोचन के मौके पर दिया. कांग्रेस नेता ने इस प्रोग्राम में अपने राजनीतिक सफर के बारे में बताया.

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अय्यर ने स्वीकार किया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ही उन्हें भारतीय विदेश सेवा (IFS) से राजनीति में लाए थे, लेकिन सोनिया गांधी ही थीं जिन्होंने उन्हें राजनीति की सीढ़ी पर चढ़ने में सक्षम बनाया. सीनियर जर्नलिस्ट वीर सांघवी के साथ बातचीत में अय्यर ने यूपीए-1 शासन के दौरान अलग-अलग वक्त पर पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, पंचायती राज, युवा मामले और खेल और पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास जैसे विभागों को संभालने वाले मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल को याद किया.

मंत्रालय छिनने से खुश नहीं थे अय्यर

जनवरी 2006 से अप्रैल 2008 तक खेल मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के बारे में बात करते हुए, अय्यर ने स्वीकार किया कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय उनसे छीन लिए जाने और उन्हें युवा मामले और खेल मंत्रालय सौंप दिए जाने से वे बहुत खुश नहीं थे.

मणिशंकर अय्यर ने उस दौर के बारे में बताया जब वे राजनयिक थे और कहा कि मैं खेल-मेज़बान देश बनने के खिलाफ़ था, लेकिन खेल राष्ट्र नहीं बनना चाहता था, इसलिए मैंने छुट्टी मांगी (जब एशियाई खेल हुए), मैंने एशियाई खेलों में जाने से इनकार कर दिया और मैंने इसे टेलीविजन पर देखने से भी इनकार कर दिया.

अय्यर ने बताया कि खेल मंत्री का पदभार संभालने के बाद उन्हें पता चला कि वे राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन नहीं करने जा रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, “शास्त्री भवन में मेरे कार्यालय (खेल मंत्री के रूप में) पहुंचने के कुछ ही मिनटों के अंदर, सुरेश कलमाडी के दो प्रधान सहायक मुझसे मिलने आए और ऐसी भाषा में जो दून स्कूल के शौचालयों के लिए उपयुक्त थी, उन्होंने सुरेश कलमाडी को कोसा. फिर मेरे सचिव ने मुझे बताना शुरू किया कि राष्ट्रमंडल खेलों के साथ समस्या यह है कि मंत्रालय को आयोजन समिति को हजारों करोड़ रुपये जारी करने की जरूरत है, लेकिन आयोजन समिति हमें उपयोगिता प्रमाण पत्र (UCs) देने से इनकार कर रही है, जो सभी बाबुओं का आधार है.”

उन्होंने कहा कि अगली किस्त जारी होने से पहले इन यू.सी. की जरूरत है. “मैंने अपने पूर्ववर्तियों से संपर्क करने की कोशिश की. पृथ्वीराज चव्हाण संसद के सेंट्रल हॉल में मेरे पास आए और कहा, ‘अगर आप कलमाडी से यू.सी. नहीं लेते हैं, तो आप बहुत बड़ी मुसीबत में फंस जाएंगे.’ मैंने कहा कि आप मुझसे पहले मंत्री थे, तो आपने उनसे यू.सी. क्यों नहीं लिया?”

क्या है कलमाडी से जुड़ा किस्सा?

अय्यर ने आगे कहा कि चव्हाण ने महाराष्ट्र की राजनीति का हवाला देते हुए कहा कि वे जोर नहीं दे सकते. उन्होंने एक बैठक बुलाई जिसमें कलमाडी भी शामिल हुए, जो इस बात पर अड़े थे कि वे यू.सी. नहीं देंगे.

अय्यर ने याद करते हुए कहा, “फिर मैंने उनसे कहा, ‘सुरेश, मुझे तिहाड़ जेल में आपके साथ एक कोठरी सेल करने की कोई इच्छा नहीं है. अगर मुझे तिहाड़ जेल नहीं मिली, तो मैं जेल में आपके लिए चॉकलेट केक भी नहीं लाना चाहता.'” पूर्व खेल मंत्री ने कहा कि कलमाडी सीधे तत्कालीन कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के पास गए और उनसे कहा कि अय्यर ने यह टिप्पणी उनके अधीनस्थों के सामने की थी.

अय्यर ने कहा कि उन्हें पिछले मेजबान देश के प्रतिनिधि के रूप में बैटन स्वीकार करने के लिए मेलबर्न जाना था, लेकिन उन्होंने जाने से इनकार कर दिया क्योंकि वह उन लोगों की संगति में नहीं रहना चाहते थे, जो भारत सरकार के साथ धोखाधड़ी कर रहे थे.

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