पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में फिर बड़ा फेरबदल हो सकता है. देश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस इस्तीफा दे सकते हैं. उन्होंने मौजूदा स्थिति को देखते हुए पद से इस्तीफा देने की इच्छा जताई है.
बीबीसी बांग्ला की रिपोर्ट के मुताबिक, मोहम्मद यूनुस का कहना है कि देश की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर उनका राजनीतिक पार्टियों के साथ मिलकर काम करना मुश्किल होता जा रहा है.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
उन्होंने गुरुवार को ढाका में एडवाइजरी काउंसिल की बैठक में देश के हालात पर नाराजगी जताई. छात्र नेता और नेशनल सिटिजन पार्टी के प्रमुख नाहिद इस्लाम ने कहा कि हम सुबह से सर यूनुस के इस्तीफे की खबर सुन रहे हैं. इसलिए मैं उनसे इस मामले पर चर्चा करने गया था. उन्होंने कहा कि वह इसके बारे में सोच रहे हैं. वह बंधक जैसा महसूस कर रहे है. उनका कहना है कि उन्हें लगता है कि मौजूदा स्थिति में वह काम नहीं कर सकते.
इस्लाम ने कहा कि मोहम्मद यूनुस का कहना है कि वह देश की मौजूदा स्थिति में काम करने के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि जब तक राजनीतिक दल आम सहमति तक नहीं पहुंचते, वह काम नहीं कर पाएंगे.
इस्लाम ने कहा कि अगर यूनुस को समर्थन नहीं मिलेगा तो उनका पद पर बने रहने का तर्क नहीं है. अगर राजनीतिक पार्टी चाहती हैं कि वह अभी इस्तीफा दें तो वह क्यों रुकेंगे जब उन्हें किसी तरह का आश्वासन ही नहीं मिलेगा.
नाहिद इस्लाम के साथ-साथ महफूज आलम ने भी उनके औपचारिक निवास जमुना पर जाकर उनसे मुलाकात की थी. इससे एक दिन पहले ही बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने मोहम्मद यूनुस को कड़ी चेतावनी देते हुए दिसंबर तक चुनाव कराने का अल्टीमेटम दे दिया था.
कहा जा रहा है कि बांग्लादेश में म्यांमार सीमा पर मानवीय गलियारा बनाने की योजना को लेकर सेना और सरकार आमने-सामने हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली सरकार ने अमेरिका के साथ गुप्त रूप से बांग्लादेश-म्यांमार सीमा पर एक मानवीय गलियारा बनाने को लेकर डील की थी लेकिन बांग्लादेश आर्मी चीफ ने इस पर नाराजगी जताई थी.
बता दें कि बांग्लादेश में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. छात्र संगठनों से लेकर विपक्षी पार्टियों तक मोहम्मद यूनुस चारों तरफ से घिरे हुए हैं. प्रमुख विपक्षी पार्टी इसी साल के अंत में चुनाव करवाने की मांग कर रही है. विरोधी दलों ने महफूज आसिफ और खलीलुर्रहमान जैसे नेताओं को सरकार से बाहर किए जाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है.
पिछले साल पांच अगस्त को बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के तख्तापलट और उनके भागकर भारत आ जाने के बाद आठ अगस्त को मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का मुखिया बनाया गया था.