मैंने ईरान का नमक खाया है’, भोपाल के अबरार ने लौटने से किया इनकार, जानें परिवार ने क्या कहा

भोपाल। युद्धग्रस्त ईरान से भारतीयों को निकालने के लिए सरकार आपरेशन सिंधु चला रही है। इस बीच सामने आया है कि भोपाल के दो विद्यार्थी वहां फंस गए हैं। इनमें से एक छात्र पढ़ाई पूरी किए बिना वापस नहीं लौटना चाहता। वहीं, एक छात्रा का कहना है कि वहां के हालात ठीक होने पर वह देश लौटेगी।

इस्लामिक अध्यात्म की पढ़ाई कर रही है अफशा

करोंद में रहने वाली 28 वर्षीय गुल अफशा खातून चार साल से ईरान के मशहद शहर स्थित जामियातुल मुस्तफा यूनिवर्सिटी से इस्लामिक अध्यात्म में आलिमा की पढ़ाई कर रही है। यह पीएचडी के समतुल्य पाठ्यक्रम है। गुल अफशा के भाई मोहम्मद जवाद मुसावी ने बताया कि उसकी तीन साल की पढ़ाई पूरी हो चुकी है अभी एक साल की पढ़ाई बाकि रह गई है। जब से ईरान और ईजराइल में युद्ध शुरू हुआ है, तब से पिता मिगदाद मुसावी और मां शाहीन काजमी मुसावी बहुत चिंतित हैं

नरेंद्र मोदी से बेटी को देश वापस बुलाने की गुहार

चार दिन पहले ही हमारी गुल अफशा से बातचीत हुई थी, उसका कहना था कि यहां आसपास बम-धमाकों की आवाज तो आ रही है, जिससे भय का माहौल बना हुआ है। जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते हैं तब तक वह वापस नहीं आ सकती है। गुल अफशा की मां शाहीन काजमी मुसावी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बेटी को सही सलामत अपने देश वापस बुलाने की गुहार लगाई है। हालांकि, अभी यह परिवार प्रशासन के पास कोई मदद मांगने नहीं पहुंचा है और न ही विदेश मंत्रालय से कोई संपर्क स्थापित किया है।

ईरान छोड़ना ठीक नहीं समझ रहा अबरार

निशातपुरा इलाके में रहने वाले 30 वर्षीय अबरार अली ईरान के कोम शहर में मौलाना मौलवियत की पढ़ाई कर रहा है। एक साल की पढ़ाई शेष है। अबरार के मामा आबिद अली ने बताया कि युद्ध के हालात में स्वजन बेहद चिंतित हैं। सोमवार को उसकी मां शाहनूर बेगम ने बात कर लौटने को कहा तो उसने इंकार कर दिया। उसने कहा कि वह अभी वापस नहीं आना चाहता, ऐसे युद्ध के हालात में ईरान की जनता क्या कहेगी। वह कहता है, “मैंने यहां का नमक खाया है, मैं ऐसे नहीं जाऊंगा”। स्वजन उसकी सलामती की दुआ कर रहे हैं।

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