‘मैंने कभी अर्चना तिवारी को सामने से नहीं देखा, सिर्फ फोन पर बात हुई…’ डेढ़ साल से जानने वाले सिपाही ने बताए कई राज

ट्रेन से 12 दिन पहले मध्य प्रदेश की अर्चना तिवारी के गायब होने के मामले में नया मोड़ सामने आया है. इंदौर से कटनी के लिए निकली अर्चना तिवारी वैसे तो अब यूपी के लखीमपुर खीरी के पास से बरामद कर ली गई है लेकिन इस मामने में कई गुत्थी अब भी अनसुलझी हैं. इस केस में उसके कॉल डिटेल रिकॉर्ड ने पुलिस को ग्वालियर तक भी पहुंचा दिया. वहीं से कहानी में एक नया किरदार सामने आया. वह अर्चना से डेढ़ साल से संपर्क में था और उसने ही उसके लिए टिकट भी बुक कराए थे.

पुलिस ने लिया हिरासत में

जांच के दौरान युवती की कॉल डिटेल में पुलिस की नजर ग्वालियर में तैनात एक सिपाही तक पहुंची. आरोप है कि इसी सिपाही ने इंदौर से ग्वालियर का टिकट बुक कराया था. पूछताछ के दौरान उसने बताया कि उसने अर्चना को कभी सामने से नहीं देखा, केवल फोन पर ही बात हुई थी. उसका कहना है कि अर्चना की गुमशुदगी से उसका कोई लेना-देना नहीं है. सिपाही ने यह भी कबूल किया कि उसने बस का टिकट जरूर बुक कराया था, लेकिन ट्रेन की यात्रा से उसका कोई वास्ता नहीं था. जीआरपी ने इस आधार पर उससे लगातार पूछताछ की.

पुलिस की पड़ताल और सवाल-जवाब

झांसी रोड थाने में रखे गए इस आरक्षक से घंटों सवाल-जवाब किए गए. उसने बयान दिया कि उसकी युवती से केवल कोर्ट से जुड़े एक काम के सिलसिले में बात हुई थी, और वह भी महज़ एक मिनट की. उसने दोहराया कि वह उससे कभी व्यक्तिगत तौर पर नहीं मिला. एडिशनल एसपी ने मीडिया को जानकारी दी कि पूछताछ में स्पष्ट हुआ है कि सिपाही पिछले डेढ़ साल से युवती को जानता था और फोन पर कई बार बातचीत भी हुई. उसने इंदौर से कटनी तक का बस टिकट बुक कराया था, जबकि युवती ट्रेन से यात्रा कर रही थी. यही बात जांच का अहम हिस्सा बनी.

रक्षाबंधन पर घर लौट रही थी

इस गुमशुदगी की कहानी की शुरुआत रक्षाबंधन के मौके से होती है. युवती इंदौर के एक हॉस्टल में रहकर सिविल जज की तैयारी कर रही थी. त्यौहार पर वह कटनी लौट रही थी. उसके पास इंदौर-बिलासपुर नर्मदा एक्सप्रेस की AC कोच B3 में बर्थ नंबर 3 का रिजर्वेशन था. 7 अगस्त को वह हॉस्टल से निकली और सीसीटीवी फुटेज में भी देखी गई, जिसमें वह ऑरेंज रंग की ड्रेस पहने, बैग और झोले में सामान लेकर स्टेशन जाती हुई दिख रही है. रात करीब दस बजे उसकी चाची से आखिरी बार फोन पर बातचीत हुई, जब उसने बताया कि वह भोपाल के पास है.

ट्रेन से गायब, मिला सिर्फ बैग

8 अगस्त की सुबह जब कटनी साउथ स्टेशन पर परिजन उसे लेने पहुंचे तो युवती वहां नहीं उतरी. उसका मोबाइल भी बंद मिला. घबराए परिजन उमरिया स्टेशन तक गए, जहां उसके मामा ने ट्रेन के कोच में तलाश की. सीट पर उसका बैग जरूर मिला, जिसमें राखी, रुमाल और बच्चों के लिए गिफ्ट रखे थे. युवती के अचानक गायब हो जाने से परिवार सकते में आ गया. जीआरपी को तुरंत सूचना दी गई. कटनी रेल पुलिस ने गुम इंसान का मामला दर्ज कर जांच शुरू की. चूंकि आखिरी लोकेशन भोपाल की तरफ मिली थी, इसलिए डायरी भोपाल रेल पुलिस को भेज दी गई.

सीसीटीवी और लोकेशन से नहीं मिला सुराग

भोपाल, रानी कमलापति और नर्मदापुरम स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, लेकिन युवती का स्पष्ट सुराग नहीं मिला. मोबाइल की लोकेशन नर्मदापुरम ब्रिज के पास तक मिली. इस आधार पर एनडीआरएफ ने नर्मदा नदी में सर्चिंग ऑपरेशन भी चलाया, लेकिन वहां से भी कुछ हाथ नहीं लगा. इस मामले ने छात्र राजनीति से लेकर स्थानीय समाज तक हलचल मचा दी. कांग्रेस से जुड़े एक युवा नेता ने युवती को अपनी बहन बताते हुए उसकी तलाश में मदद करने वाले को 51 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की. उनका कहना था कि हर राखी पर वह उन्हें राखी बांधती थी.

आखिरकार मिला सुराग

लंबे समय तक रहस्यमय तरीके से लापता रहने के बाद युवती को आखिरकार लखीमपुर खीरी से बरामद कर लिया गया. पुलिस ने उसे सुरक्षित पाया और फिलहाल उससे पूछताछ जारी है. इस बरामदगी के साथ ही परिवार ने राहत की सांस ली, लेकिन सवाल अभी भी कायम हैं कि आखिर वह बीच रास्ते में ट्रेन से कैसे और क्यों लापता हुई. कल ही अर्चना ने अपने घर फोन पर भी बात की थी.

अब भी अनसुलझे सवाल

जांच के दौरान सामने आए हर खुलासे ने इस केस को और उलझाया है. कॉल डिटेल्स में सामने आया सिपाही, बस का टिकट और फोन पर बातचीत और अब लखीमपुर खीरी से बरामदगी .ये सभी बिंदु जांच को नई दिशा दे रहे हैं. पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि क्या यह महज इत्तफाक था या किसी सुनियोजित योजना का हिस्सा.

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