आपसे बात करते वक्त मैंने अपने पैरों को बांध रखा है’, शुभांशु शुक्ला ने PM मोदी से बताईं स्पेस की चुनौतियां 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से बात की, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने वाला पहला भारतीय बनकर इतिहास रचा है. पीएम मोदी और शुभांशु शुक्ला की बातचीत का वीडियो प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर साझा किया गया. पीएम ने शुभांशु से पूछा कि उन्हें अंतरिक्ष में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इस सवाल के जवाब में शुभांशु ने कहा, ‘हमें पृथ्वी पर ग्रेविटी में रहने की इतनी आदत पड़ी होती है कि यहां अंतरिक्ष में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. क्योंकि अंतरिक्ष में ग्रविटी नहीं होती.’

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उन्होंने कहा, ‘यहां तो सबकुछ अलग है. पिछले एक साल तक मैंने ट्रेनिंग की. मुझे सारे सिस्टम्स और प्रोसेस के बारे में पता था. एक्सपेरिमेंट्स के बारे में मुझे पता था. लेकिन यहां आते ही अचानक सबकुछ बदल गया. हमारे शरीर को ग्रेविटी में रहने की इतनी आदत हो जाती है कि सभी चीजें उसी से डिसाइड होती हैं. लेकिन यहां माइक्रो गेविटी है, इसलिए छोटी छोटी चीजें भी मुश्किल हो जाती हैं. मैं अभी जब आपसे बात रहा हूं तो अपने पैरों को बांध रखा है, वरना मैं ऊपर चला जाऊंगा. मैंने जो माइक पकड़ रखा है, इसे छोड़ दूं तो यह तैरता रहता है. पानी पीना, चलना, सोना सबकुछ बहुत मुश्किल है. पता सब होता है, ट्रेनिंग अच्छी है. लेकिन वातावरण बदलता है तो एडजस्ट करने में एक-दो दिन लगते हैं.’

प्रधानमंत्री मोदी ने एस्ट्रोनॉट शुभांशु से कहा, ‘आज आप भारत की धरती से सबसे दूर हैं, लेकिन हर भारतीय के दिल के सबसे करीब हैं. आपके नाम में भी शुभ शब्द है, और आपकी यात्रा एक नए युग की शुभ शुरुआत का प्रतीक है. अभी तो हम दोनों ही बात कर रहे हैं, लेकिन मेरे साथ 1.4 अरब भारतीयों की भावनाएं और संवेदनाएं हैं. हर भारतीय का उत्साह और उमंग मेरी आवाज में गूंजती है. अंतरिक्ष में भारत का झंडा फहराने के लिए मैं आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं.’ शुभांशु ने कहा, ‘जब मैंने पहली बार अंतरिक्ष से भारत को देखा तो यह मैप से कहीं ज्यादा बड़ा और भव्य दिखाई दिया. आप वास्तव में एकता की भावना महसूस कर सकते हैं- कोई सीमा नहीं है, कोई रेखा नहीं है. ऐसा लगता है जैसे यह पूरी धरती हमारा घर है और हम सभी इसके नागरिक हैं.’

पीएम मोदी ने कहा, ‘शुभांशु, चंद्रयान की सफलता के बाद देश के बच्चों में, युवाओं में विज्ञान को लेकर एक नई रुचि पैदा हुई, अंतरिक्ष को एक्सप्लोर करने का जज्बा बढ़ा. अब आपकी ये ऐतिहासिक यात्रा उस संकल्प को और मजबूती दे रही है. आज बच्चे सिर्फ आसमान नहीं देखते, वे ये सोचते हैं कि मैं भी वहां पहुंच सकता हूं. यही सोच, यही भावना हमारे भविष्य के स्पेस मिशन की असली बुनियाद है.’ शुभांशु शुक्ला ने कहा, ‘हम एक दिन में पृथ्वी की 16 परिक्रमाएं करते हैं. अभी हम 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा कर रहे हैं. यह रफ्तार दर्शाती है कि हमारा देश कितनी तेजी से प्रगति कर रहा है और अब हमें इससे भी आगे जाना है.’

हमें अपना स्पेस स्टेशन बनाना है, चांद पर भारतीय को उतारना है: PM

प्रधानमंत्री मोदी ने शुभांशु शुक्ला से कहा कि हमें मिशन गगनयान को आगे बढ़ाना है. हमें अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाना है और यह सुनिश्चित करना है कि भारतीय अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर उतरे. आपके अनुभव इन सभी भावी मिशनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. मुझे पूरा विश्वास है कि आप अपने अनुभव के हर हिस्से को लगन से रिकॉर्ड कर रहे हैं. आज मैं विश्वास से कह सकता हूं कि ये भारत के गगनयान मिशन की सफलता का पहला अध्याय है. आपकी ये ऐतिहासिक यात्रा सिर्फ अंतरिक्ष तक सीमित नहीं है, ये हमारी विकसित भारत की यात्रा को तेज गति और नई मजबूती देगी.

 

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