बिहार के गया जिले में इन दिनों एक पोस्टर को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। शहर के कई हिस्सों में ‘आई लव मोहम्मद’ लिखे पोस्टर लगाए गए हैं, जिसके बाद स्थानीय स्तर पर हलचल बढ़ गई है। इस पोस्टर को देखकर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। जहां कुछ लोग इसे धार्मिक आस्था और मोहब्बत का प्रतीक बता रहे हैं, वहीं कई लोग इसे अनावश्यक विवाद खड़ा करने वाला कदम मान रहे हैं।
पोस्टर लगाए जाने के बाद प्रशासन भी सतर्क हो गया है। स्थानीय पुलिस ने बताया कि उन्होंने इस मामले पर नजर रखी हुई है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आखिर ये पोस्टर किसने और क्यों लगाए। अधिकारियों का कहना है कि अगर किसी का मकसद माहौल खराब करना है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस पूरे प्रकरण पर मुस्लिम समाज के लोगों की भी अलग-अलग राय सामने आ रही है। कई लोगों का कहना है कि पैगंबर मोहम्मद के प्रति प्रेम और सम्मान जताना गुनाह नहीं है। उनका तर्क है कि अगर ‘आई लव मोहम्मद’ कहना गलत है तो हर मुसलमान इसे दोहराएगा, क्योंकि यह उनके ईमान और आस्था का हिस्सा है। वहीं कुछ लोग मानते हैं कि धर्म को लेकर इस तरह के प्रदर्शन से सामाजिक माहौल बिगड़ सकता है और ऐसी कोशिशों से बचना चाहिए।
गया के अलावा आसपास के इलाकों में भी यह चर्चा का विषय बना हुआ है। सोशल मीडिया पर पोस्टर की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जहां लोग अपनी-अपनी राय रख रहे हैं। कुछ इसे सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश बता रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि यह तो बस धार्मिक प्रेम की अभिव्यक्ति है, इसमें आपत्ति करने जैसी कोई बात नहीं है।
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि वह शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए पूरी तरह चौकन्ना है। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और आपसी भाईचारे को बनाए रखें।
इस बीच, यह मामला राजनीतिक रंग भी लेने लगा है। कुछ दलों ने इसे धार्मिक भावनाओं से खेलने की कोशिश करार दिया है, जबकि अन्य का कहना है कि यह किसी की निजी आस्था का मामला है और इसे विवाद का मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए।
गया में ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर से उपजा यह विवाद अब धीरे-धीरे बड़ी बहस का रूप ले रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले पर प्रशासनिक जांच क्या निष्कर्ष निकालती है और राजनीतिक गलियारों में इसकी गूंज कितनी दूर तक जाती है।