‘मैं हाथ जोड़कर विनती करता हूं…’, शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि पर क्या बोले अमित शाह?

Amit Shah Visit Raigad Fort: छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि के अवसर पर शनिवार (12 अप्रैल, 2025) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रायगढ़ किले में उन्हें नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित की. रायगढ़ किला संवर्धन समिति की तरफ से एक खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रायगढ़ किले में आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘मैं यहां न तो भाषण देने आया हूं, न ही राजनीति करने. मैं यहां छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारों की अनुभूति लेने आया हूं. मुझे ‘शिव मुद्रा’ भेंट में प्राप्त हुई है, जो न केवल भारत के लिए बल्कि समस्त विश्व के लिए प्रेरणास्रोत है’.उन्होंने आगे कहा, ‘मैं वर्षों बाद यहां आया हूं. जब मैंने सिंहासन को नमन किया तो मेरे मन में जो भावनाएं उमड़ीं उन्हें शब्दों में पिरोना कठिन है. जिस महापुरुष ने स्वधर्म और स्वराज्य के लिए प्राणपण से संघर्ष किया उनके सान्निध्य में खड़ा होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है’.

‘शिवाजी महाराज ने अंधकार में आशा की ज्योति जलाई’
अमित शाह ने कहा, ‘जब शिवाजी महाराज का जन्म हुआ तब देश पर निराशा और भय का वातावरण छाया हुआ था. दक्षिण भारत भी पतन की ओर बढ़ रहा था. ऐसे समय में स्वराज्य और स्वधर्म की बातें अपराध की तरह प्रतीत होती थीं, लेकिन एक 12 वर्षीय बालक ने सिंधु से कन्याकुमारी तक भगवा ध्वज लहराने का संकल्प लिया’. उन्होंने कहा कि मैंने कई वीरों की जीवनगाथाएं पढ़ी हैं, लेकिन शिवाजी महाराज की असाधारण इच्छाशक्ति, रणनीति और जनता को एकत्रित कर अपराजेय सेना का निर्माण अद्वितीय है. उन्होंने बिना किसी वंश-परंपरा या संसाधनों के मुगल साम्राज्य की नींव हिला दी. उनके मावले अटक, कटक, बंगाल और दक्षिण तक पहुंचे. तभी भारतवासियों को स्वतंत्रता की वास्तविक अनुभूति होने लगी.

‘शिवाजी महाराज का चरित्र हर भारतीय को पढ़ाया जाए’
अमित शाह ने कहा, ‘जो स्वयं को ‘आलमगीर’ कहता था. वह महाराष्ट्र में पराजित हुआ और उसकी समाधि आज यहीं है. यह शिवाजी महाराज के साहस और संकल्प की जीत है. उनका चरित्र केवल एक क्षेत्र का नहीं पूरे भारत का गौरव है. हर बच्चे को उनका इतिहास पढ़ाया जाना चाहिए’. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि मैं हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि शिवाजी महाराज को केवल महाराष्ट्र के दायरे में न बांधें. आज विश्व उनके सिद्धांतों से प्रेरणा ले रहा है. स्वधर्म का गर्व, स्वराज्य की आकांक्षा और अपनी भाषा का सम्मान ये विचार किसी सीमा में नहीं बंधे, ये मानव स्वाभिमान के स्तंभ हैं. इस समारोह में अमित शाह के साथ महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी मौजूद रहे.

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