‘मेरे को तो नोबेल प्राइज मिलना चाहिए…’, केजरीवाल बोले- LG की रुकावटों के बावजूद दिल्ली में किए बहुत काम

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर नोबेल प्राइज की अपनी इच्छा जाहिर की है. उनका कहना है कि उन्होंने दिल्ली में एलजी के रहते हुए इतना सारा काम कर दिया है कि उन्हें भी एक नोबेल प्राइज मिलना चाहिए. उन्होंने कहा, “जितने दिन हमारी सरकार (दिल्ली) में रही, हमें काम करने नहीं दिया गया, फिर भी हमने काम करके दिखाया. मुझे लगता है कि मुझे शासन और प्रशासन के लिए नोबेल प्राइज मिलना चाहिए…”

अरविंद केजरीवाल ने यह बात पंजाब के मोहाली में एक बुक लॉन्च इवेंट के दौरान कही. इस कार्यक्रम में पंजाब सीएम भगवंत मान और आम आदमी पार्टी के कई अन्य नेता भी मौजूद थे. उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब नोबेल पीस प्राइज को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खींचतान कर रहे हैं. पाकिस्तान सरकार और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू उन्हें इसके लिए नॉमिनेट भी कर चुके हैं.

एलजी की रुकावटों के बावजूद दिल्ली में किए बहुत काम- केजरीवाल

नोबेल प्राइज को लेकर AAP नेता केजरीवाल के लिए कोई नॉमिनेशन फिलहाल नहीं किया गया है. फिर भी उनका कहना है, “एलजी के रहते हमने दिल्ली में इतने सारे काम कर दिए. इतनी मुश्किलों के अंदर जानकर ताज्जुब होगा कि हमने दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक बनवाए. पांच मोहल्ला क्लीनिक बीजेपी के नगर निगम ने बुल्डोजर भेजकर तोड़ दिए. जिस तरह से इन्होंने हमें परेशान किया…”

केजरीवाल ने कहा, “पिछले साल जून में, जब तापमान 50 डिग्री सेल्सियस था, एक मिनट भी बिजली नहीं कटी थी, लेकिन अब बिजली कटौती हो रही है. उन्होंने (बीजेपी) दिल्ली को बर्बाद कर दिया है. वे राजनीति कर रहे हैं, और उन्हें बस पैसा कमाना है. मुझे शासन और प्रशासन के लिए नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए क्योंकि मेरी AAP सरकार ने एलजी की रुकावटों के बावजूद राजधानी में इतना काम किया है.”

दो साल पहले भी केजरीवाल ने जताई थी नोबेल की इच्छा

दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल ने नोबेल प्राइज की अपनी इच्छा पहली बार जाहिर नहीं की है. इससे पहले भी कह चुके हैं कि वह नोबेल प्राइज के हकदार हैं. लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान उन्होंने कहा था कि ‘एलजी दिल्ली सरकार के कामों में अड़ंगा लगाते हैं और बावजूद इसके इतने सारे काम कर दिए हैं कि मुझे नोबेल प्राइज मिलना चाहिए.’

क्या शासन-प्रशासन के लिए भी मिलता है नोबेल प्राइज?

नोबेल प्राइज की शुरुआत 1901 में अल्फ्रेड नोबेल की याद में की गई थी. अब तक यह प्राइज अलग-अलग कैटगरी में 627 बार 1012 लोगों और संगठनों को दिया गया है. कुछ को एक से ज्यादा बार नोबेल प्राइज मिलने के साथ कुल 976 लोगों और 28 संगठनों को नोबेल प्राइज मिले हैं. फिजिक्स, कैमिस्ट्री, मेडिसिन, लिट्रेचर, पीस और इकोनॉमिक साइंस जैसे छह कैटगरी में नोबेल दिए जाते हैं. मसलन, अरविंद केजरीवाल जिस कैटगरी के लिए अपनी इच्छा जाहिर कर रहे हैं उस कैटगरी में नोबेल प्राइज अब तक किसी को नहीं दिया गया है.

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