‘खेजड़ी काटने और दफनाने वालों पर करवाऊंगा FIR’:विधायक रविंद्र भाटी ने कहा- पेड़ों के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं, सोलर कंपनी के साथ बनी सहमति

बाड़मेर में सोलर कंपनी के खिलाफ चार महीने से चला आ रहा धरना समाप्त हो गया है। शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी की मौजूदगी में मंगलवार को वृक्षारोपण, भूमि मुआवजा समेत कई बिंदुओं पर सहमति बनी है।

इस बीच कंपनी के खेजड़ी (राज्य वृक्ष) के पेड़ काटने की जानकारी भी सामने आई थी। इसी के विरोध में भाटी भी बीते तीन से बरियाड़ा और खोड़ाल गांव के लोगों के साथ धरने पर बैठे थे।

उन्होंने कहा है कि खेजड़ी पेड़ को काटने और दफनाने वालों पर FIR दर्ज करवाऊंगा। खेजड़ी जैसे संरक्षित वृक्षों के साथ खिलवाड़ किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सबसे पहले जानिए- क्या है पूरा मामला

दरअसल, बरियाड़ा और खोड़ाल गांव में सोलर कंपनी ENGIE और JAKSON GREEN अपना प्लांट लगाने का काम कर रही हैं। पिछले 4 महीने से खोड़ाल गांव के लोग और किसान सोलर कंपनी के खिलाफ धरने पर बैठे थे। मांग थी कि उन्हें उनकी जमीन का उचित मुआवजा दिया जाए और ओरण भूमि को अलग से मवेशियों के लिए छोड़ा जाए।

किसानों ने आरोप लगाया कि प्लांट के लिए कंपनियां अंधाधुंध पेड़ काट रही हैं। खेजड़ी के पेड़ भी काटे जा रहे हैं। कंपनी जिस जमीन पर काम कर रही है, वह पूरी जमीन खड़ीन एरिया (रेगिस्तान का ऐसा इलाका जहां बारिश में पानी भर जाता है) में दर्ज है। पेड़ काटे जाने को लेकर विरोध किया तो उपखंड अधिकारी शिव से शांतिभंग के दो नोटिस दिला दिए।

जमीन में दबाए पेड़ निकलवाए, अधिकारियों को फटकारा

खेजड़ी के पेड़ों की कटाई की जानकारी के बाद 3 अगस्त की शाम को विधायक रविंद्र सिंह भाटी धरना स्थल पर पहुंचे। इस बीच जमीन में दबे पेड़ निकलवाने के वीडियो भी सामने आए।

विधायक और ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कंपनी ने सबूत मिटाने की भी कोशिश की। पेड़ों को जलाने के सबूत भी उनके पास हैं। पेड़ काटने के विरोध में विधायक दो रात पेड़ों को काटने वाली जगह पर ही रुके।

इस बीच विधायक से मिलने पहुंचे पुलिस अधिकारियों व तहसीलदार को भी भाटी ने फटकार दिया। विधायक का कहना था कि पेड़ की कटाई रोकने की जिम्मेदारी आपकी थी।

स्थानीय ग्रामीणों के मुद्दों पर बनी सहमति

कंपनी अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच हुई बैठक में तय हुआ कि स्थानीय ग्रामीणों का कंपनी से जो पैसा बाकी था उसे जल्द से जल्द ग्रामीणों को दिया जाएगा।

इसी के साथ जिस भी ग्रामीण ने अपनी जमीन लीज पर दे रखी है, अगर वह कार्य करने में सक्षम है तो सबसे पहले उसे कार्य दिया जाएगा। अगर वह सक्षम नहीं है तो उसे उसके लायक कार्य दिया जाएगा।

सोलर कंपनियां खेजड़ी के काटे गए वृक्षों की भरपाई के लिए सार्वजनिक निगरानी में वृक्षारोपण करेंगी। भाटी ने दोषी कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है।

वन मंत्री ने कहा था- नहीं हो रही कटाई

जैसलमेर सहित मारवाड़ में खेजड़ी काटने के विवाद पर 4 अगस्त को वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय शर्मा ने कहा था कि राज्य के वन क्षेत्रों में कहीं भी पेड़ों का कटाव नहीं हो रहा है।

सोलर कंपनी के प्लांट लगाने के लिए राज्य सरकार ने जमीन आवंटित की है। किसानों ने भी अपनी जमीन लीज पर दी है, लेकिन पेड़ों को नहीं काटा जा रहा है। अगर ऐसा होता है तो आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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