तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को कहा कि वह सामाजिक न्याय के जरिए समानतापूर्ण समाज स्थापित करने के लिए प्रयासरत हैं और उनके जीवित रहते हुए धार्मिक भेदभाव को कोई स्थान नहीं मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि कुछ वर्ग उनके आदर्शों के मार्ग में रुकावट डालने की कोशिश कर रहे हैं, वह उन्हें यह याद दिलाना चाहते हैं कि तमिलनाडु वह भूमि है जहां पेरियार रामास्वामी ने जन्म लिया और इसे संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतों पर पोषित किया गया.
क्या बोले एमके स्टालिन
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यहां धार्मिक भेदभाव और जातिवादी विचारों को कभी सफल नहीं होने दिया जाएगा. यह पेरियार की भूमि और अंबेडकर के सिद्धांतों पर आधारित राज्य है. जब तक यह स्टालिन जीवित है, तब तक आप सफल नहीं हो पाएंगे.’
स्टालिन ने कहा, “दीन-हीन लोगों को राजनीति और अर्थव्यवस्था सहित सभी पहलुओं में विकास प्राप्त करना चाहिए. यही असली मुक्ति है,” डॉ. अंबेडकर के कल्याण के लिए डीएमके सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि चाहे जितनी योजनाएं हो, डीएमके सरकार को जो अच्छा नाम मिला है, वह मुख्य रूप से स्वच्छता कर्मचारियों की निष्ठा और सेवा के कारण है. मुख्यमंत्री ने कहा, “मेरे लिए आपको स्वच्छता कर्मचारी कहने की बजाय, मुझे कहना चाहिए कि आप शुद्ध हृदय वाले श्रमिक हैं. मैं सभी को दिल से धन्यवाद और प्रशंसा देता हूं.’