आरजी कर मेडिकल एंड हॉस्पिटलमें लेडी डॉक्टर की रेप और हत्या के मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. अब फिर एक आईएएस अधिकारी की पत्नी से रेप के मामले में पुलिस पर जांच में लापरवाही का आरोप लगा है. कोर्ट में सवाल उठाया गया कि रेप की शिकायत दर्ज होने के बाद भी मेडिकल जांच क्यों नहीं कराई गई? पिछले जुलाई में उस घटना में निचली अदालत के आदेश पर आरोपी जमानत पर था. कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को जमानत आदेश रद्द कर दिया. जांच अधिकारी का भी तबादला कर दिया गया है.
इसके साथ ही कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के बाहर तैनात एक सिविल सेवक की पत्नी के साथ कथित बलात्कार के मामले की जांच एक डिप्टी कमिश्नर स्तर के अधिकारी को सौंपने का आदेश दिया है.
कोर्ट के इस निर्देश के बाद विपक्ष ने एक बार फिर सीधे तौर पर राज्य सरकार पर उंगली उठाई है. बीजेपी का दावा है कि आरजी कर मामले की तरह इस मामले में भी सबूतों को दबाने की कोशिश की गई.
गन प्वाइंट पर आईएएस अधिकारी क पत्नी से हुआ रेप
यह घटना इस लाल 14 और 15 जुलाई की रात को घटी थी. आरोपी ने रात 11:30 बजे पीड़िता के घर में घुसा और बंदूक की नोक पर पीड़िता के साथ बलात्कार किया.घटना के दूसरे दिन पीड़िता ने कोलकाता के लेक पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन शिकायत लेने से पहले उसे घंटों इंतजार करवाया गया. पुलिस ने अपराध की गंभीर प्रकृति के बावजूद कम गंभीर वाली धाराएं लगाई.
राज्य से बाहर कार्यरत आईएएस अधिकारी की पीड़िता पत्नी ने आरोप लगाया था कि यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों के बावजूद शुरुआत में मामूली आधार पर एफआईआर दर्ज की गई थी. उस शिकायत पर कलकत्ता हाई कोर्ट में केस दायर किया गया था. शुक्रवार को मामले की सुनवाई करने वाले जस्टिस राजर्षि भारद्वाज ने कहा, ‘शुरुआत में एफआईआर सही तरीके से दर्ज न करने और चार्जशीट को विकृत करने के आरोप इस जांच की पारदर्शिता पर सवाल उठाया है.’
पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट ने दिया जांच का आदेश
न्यायमूर्ति भारद्वाज ने अपनी टिप्पणियों में कहा कि उस घटना के सीसीटीवी फुटेज की कोई जांच नहीं की गई, जहां पीड़ित को पुलिस स्टेशन में आरोपी के परिवार द्वारा धमकी दी गई थी.
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आरोपी की जमानत और अग्रिम जमानत खारिज कर दी, और मामले को कोलकाता पुलिस के उपायुक्त स्तर की एक महिला पुलिस अधिकारी को सौंपने का आदेश दिया. इसके अलावा, कोलकाता पुलिस आयुक्त को लेक पुलिस ओसी, एक सब-इंस्पेक्टर, एक सार्जेंट और तीन महिला पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
After rape and murder of a young woman doctor at RG Kar Medical College & hospital, another SHOCKING incident emerges from West Bengal.
In the area, under the jurisdiction of Lake Police Station, wife of an IAS officer was raped over two days, on July 14-15th, at gunpoint.
The… pic.twitter.com/rL7rspVy4s
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 27, 2024
अमित मालवीय ने उठाए सवाल
हाईकोर्ट के आदेश के बाद बीजेपी ने राज्य सरकार की भूमिका की निंदा की है. बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स मीडियम पर लिखा, ”लालू प्रसाद के कार्यकाल में बिहार में एक आईएएस अधिकारी की पत्नी से रेप का आरोप लगा था, अब वही आरोप पश्चिम बंगाल में लगा है. उन्होंने याद दिलाया, ममता बनर्जी और लालू प्रसाद यादव, दोनों वर्तमान में भारत गठबंधन का हिस्सा हैं. अमित मालवीय ने इस संदर्भ में आरजी कर मामले से तुलना की है.
गौरतलब है कि राज्य ने अदालत में दावा किया है कि चूंकि शिकायत दर्ज करने के लिए लेक पुलिस स्टेशन में कोई महिला जांच अधिकारी मौजूद नहीं थी, इसलिए कड़या पुलिस स्टेशन से एक महिला अधिकारी को बुलाया गया था. राज्य ने आगे दावा किया कि पीड़ित महिला खुद ही सरकारी अस्पताल गई और पुलिस को मेडिकल रिपोर्ट सौंपी. शरीर के विभिन्न हिस्सों पर चोटों का जिक्र था, लेकिन कहीं भी खून बहने का जिक्र नहीं था.