अगर आप icici bank में अपना अकाउंट खुलवाने का प्लान कर रहे हैं, तो फिर हाल ही में बैंक की ओर किए गए एक बड़े बदलाव के बारे में जान लेना जरूरी है. नियमों में बदलाव (rule change) करते हुए, आईसीआईसीआई बैंक ने सेविंग अकाउंट में न्यूनतम राशि या मिनिमम एवरेज अमाउंट की लिमिट में जोरदार इजाफा किया है. आईसीआईसीआई बैंक ने इसे पांच गुना बढ़ा दिया है और अब खाते में कम से कम 10,000 रुपये नहीं, बल्कि 50,000 रुपये रखने जरूरी हैं. इसके साथ ही कई और नियमों में भी बदलाव किया गया है. आइए सवाल और जबाव के फॉर्मेट में समझते हैं…
सवाल- क्या लागू हो गया mab रुल?
जबाव- जी हां, icici bank द्वारा सेविंग अकाउंट में मिनिमम अमाउंट बैलेंस की लिमिट को 5 गुना बढ़ाने का बदलाव 1 अगस्त से ही प्रभावी कर दिया गया है.
सवाल: क्या आरबीआई ICICI बैंक के मिनिमम बैलेंस के फैसले को पलट सकता है?
जवाब: आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा से जब ICICI बैंक के 50 हजार मिनिमम बैलेंस को लेकर सवाल किया गया तो, उन्होंने कहा कि मिनिमम बैलेंस को लेकर फैसला बैंक के अधिकार क्षेत्र में है, इसमें केंद्रीय बैंक यानी RBI कुछ नहीं कर सकता. उन्होंने कहा, ‘भारतीय रिजर्व बैंक ने मिनिमम बैलेंस की सीमा तय करने का काम बैंकों पर छोड़ दिया है. कुछ बैंक इसे 10000 रुपये, कुछ ने 2000 रुपये और कुछ ने इसे पूरी तरह से हटा दिया है.’
सवाल- मेट्रो से रूरल तक क्या एक जैसा नियम?
जबाव- बैंक की ओर से मेट्रो, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों तक सभी ग्राहकों के लिए ये बदलाव किया गया है और पहले से तय MAB लिमिट में इजाफा किया गया है. अब मेट्रो और शहरी शाखाओं में अकाउंट होल्डर्स को सेविंग अकाउंट में 10,000 रुपये की जगब कम से कम 50,000 रुपये रखने होंगे. वहीं सेमी-अर्बन शाखाओं में ये 5,000 रुपये से बढ़कर 25,000 रुपये की गई है. हालांकि, ग्रामीण ग्राहकों को पहले के 2,500 रुपये की जगह अब अकाउंट में 10,000 रुपये रखने होंगे.
सवाल- क्या सभी खातों पर लागू होंगे नियम?
जबाव- नहीं, बैंक की ओर से साफ कहा गया है कि मिनिमम अमाउंट बैलेंस से संबंधित ये चेंज सिर्फ उन अकाउंट पर लागू किए जा रहे हैं, जो इस बदलाव के लागू होने की तारीख से खोले गए हैं. मतलब 1 अगस्त, 2025 से नए खाते खोलने वाले ग्राहकों को अपने सेविंग अकाउंट में इतनी राशि रखनी होगी. हालांकि, यह घरेलू बैंकों में सबसे कठिन मानक बन गया है.
सवाल- क्या मौजूदा ग्राहकों पर भी असर?
जबाव- जैसा कि बताया गया है कि मिनिमम अमाउंट बैलेंस को लेकर संशोधित नियम 1 अगस्त, 2025 से खोले गए नए खातों पर ही लागू होगा. मौजूदा ग्राहकों के लिए उनके चालू खाते की पूर्व शर्तें जारी रहेंगी, जब तक कि बैंक अलग से इन बदलावों की जानकारी न दे.
सवाल- सैलरी अकाउंट होल्डर्स का क्या होगा?
जबाव- ICICI बैंक के सैलरी अकाउंट होल्डर्स पर इस Rule Change का कोई असर नहीं होगा. क्योंकि, Salary Account आमतौर पर जीरो-बैलेंस खाते होते हैं, यानी इनमें कोई मिनिमम बैलेंस बनाए रखने की जरूरत नहीं होती है.
सवाल-मिनिमम बैलेंस न रखने पर क्या होगा?
जबाव- जुर्माना लगाया जाएगा. बैंक द्वारा नियमों में बदलाव करते हुए कहा गया है कि अगर कोई ग्राहक खाते में आवश्यक मिनिमम बैलेंस बनाए रखने में नाकाम रहता है, तो फिर जितना कम बैलेंस होगा उसका 6 फीसदी या 500 रुपये, जो भी कम हो लगेगा. हालांकि, इस शुल्क से कुछ ग्राहकों को छूट भी दी गई है, जिनमें फैमिली बैंकिंग अकाउंट होल्डर और पेंशनर्स के अकाउंट शामिल हैं.
ICICI बैंक में अन्य बदलावों पर नजर
बैंक की ओर से अन्य अपडेट भी जारी किए गए हैं, जिनमें फ्री ट्रांजैक्शन लिमिट खत्म होने के बाद लगने वाले चार्ज से लेकर डेबिट कार्ज चार्ज तक शामिल हैं. इसके तहत छह महानगरों मुंबई, नई दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद में Non ICICI बैंक एटीएम से ग्राहकों को तीन फ्री ट्रांजैक्शन मिलते हैं, इसके बाद हर लेन-देन पर 23 रुपये और बैलेंस चेक के लिए 8.5 रुपये चार्ज देना होगा. अन्य शहरों में अधिकतम 5 फ्री ट्रांजैक्शन की परमिशन है. वहीं इंटरनेशनल ATM से विदड्रॉल पर प्रति ट्रांजैक्शन 125 रुपये जार्ज और करेंसी एक्सचेंज पर 3.5% चार्ज लागू है.
इसके अलावा ICICI Bank Debit Card के लिए एनुअल चार्ज 300 रुपये होगा, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के ग्राहकों के लिए यह 150 रुपये होगा. कार्ज रिप्लेसमेंट फीस 300 रुपये है. बैंक की ओर से शाखा में या फोन बैंकिंग से मंथली स्टेटमेंट पाने के लिए 100 रुपये का चार्ज देना होगा, जबकि इंटरनेट बैंकिंग के ग्राहक फ्री में इसे निकाल सकेगा.