प्रयागराज में आवारा कुत्तों के आक्रामक होने और इंसान को काटने के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है. शासन की तरफ से फरमान जारी हुआ है कि किसी भी इंसान को पहली बार काटने वाले कुत्ते को 10 दिन के लिए एबीसी सेंटर में रखा जाएगा. इसके बाद उसके शरीर में एक माइक्रोचिप लगाकर उसे छोड़ दिया जाएगा. इसके बाद कुत्ते ने अगर दोबारा किसी को काटा तो कुत्ते को उम्रकैद की सजा मिलेगी. उसे जीवनभर (एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर) एबीसी सेंटर में बने शेल्टर हाउस में ही रखा जाएगा.
नगर निगम के पशुधन अधिकारी विजय अमृत राज के मुताबिक मुख्य सचिव नगर विकास की ओर से सभी नगर निकायों के लिए यह आदेश जारी किया गया है. जिसे अमल में लाया जा रहा है. मामले में कुत्ता दूसरी बार काटने की घटना को अंजाम देता है, तो उसकी जांच तीन सदस्यीय समिति करेगी. इसमें पशुपालन अधिकारी, स्थानीय निकाय प्रतिनिधि और एसपीसीए सदस्य शामिल होंगे. समिति यह भी देखेगी कि कहीं कुत्ते को उकसाकर तो हमला नहीं कराया गया. साक्ष मिलने पर ही कुत्ते को उम्रकैद की सजा मिलेगी.
डॉग बाइट्स की बढ़ती वारदात
प्रयागराज शहर में स्ट्रीट डॉग की संख्या 1 लाख 15 हजार के पार पहुंच चुकी है. हर महीने डॉग बाइट के चार हजार से अधिक मामले आ रहे हैं. स्ट्रीट डॉग्स की वजह से हर महीने सैकड़ों सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं. पिछले हफ्ते बाइक सवार बैंक मैनेजर को एक स्ट्रीट डॉग ने दौड़ा लिया भागने के दौरान वो नगर निगम की कूड़ा गाड़ी के नीचे आ गया जिससे उसकी मौत हो गई थी. शहर में स्ट्रीट डॉग के बढ़ती आबादी लोगों के लिए चिंता का सबब रही है.
कराया जा रहा स्ट्रीट डॉग्स का वैक्सिनेशन
नगर निगम ने स्ट्रीट डॉग्स की जनसंख्या पर नियंत्रण करने के लिए शहर में एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर का निर्माण कराया है. नगर निगम प्रयागराज के पशुधन एवं पशु कल्याण अधिकारी विजय अमृत राज के मुताबिक शहर के शम्स नगर में 1 करोड़ अस्सी लाख की लागत से इसका निर्माण कराया गया है. इसमें कुत्तों की नसबंदी और वैक्सिनेशन किया जाता है. इसके अलावा एक और एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर बनकर तैयार है, जिसकी लागत 4 करोड़ है. इसके लिए एक दरजन से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों की टीम यहां तैनात की गई है जो प्रतिदिन दो दर्जन से अधिक स्ट्रीट डॉग्स का वैक्सिनेशन करेगी.
नहीं दिख रही लोगों की सक्रियता
नगर निगम के अधिकारी विजय अमृत राज बताते हैं कि प्रशासन शहर में पेट लवर्स को उनके पेट को घुमाने टहलाने के लिए डॉग पार्क के माध्यम से सुविधाएं उपलब्ध करा रही है. साथ ही इनके चिन्हीकरण और लाइसेंसिंग के लिए अभियान भी चला रही है. निगम ने पेट डॉग्स के लिए रजिस्ट्रेशन पर एक हजार का और लाइसेंस रिनिवल के लिए आठ सौर रूपये का शुल्क निर्धारित किया गया है. पहली बार पालतू बिल्लियों को भी इसके दायरे में लाया गया. पालतू बिल्ली के लाइसेंस के लिए 400 का शुल्क तय हुआ है. बावजूद इसके लोग सक्रियता नहीं दिखा रहे हैं.