डल्लेवाल की हालत बिगड़ी तो केंद्र जिम्मेदार, किसानों से बातचीत करें: सीएम भगवंत मान..

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को खन्नौरी बॉर्डर पर किसानों की ओर से जारी आंदोलन के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने सवाल किया कि केंद्र सरकार किसानों से बातचीत करने से क्यों डर रही है? किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल को 38 दिन हो चुके हैं. लेकिन केंद्र सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है. पंजाब के सीएम ने कहा कि वह केंद्र सरकार से कहना चाहते हैं कि किसानों से बातचीत का रास्ता खोले.

पंजाब के सीएम भगवंत मान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसानों के मुद्दों पर यह बात कही. उन्होंने कहा कि शंभू और खन्नौरी बॉर्डर पर किसान मोर्चा जारी है. पिछले साल फरवरी में जब मोर्चे शुरू हुए थे, तब चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ कई दौर की बातचीत हुई थी. फैसला केंद्र सरकार को लेना था और उस समय मैं मध्यस्थता कर रहा था, लेकिन सहमति नहीं बन पाई. पीएम मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बन गए, लेकिन किसानों से बातचीत करने की कोई कोशिश नहीं की गई.

केंद्र सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं- CM मान

भगवंत मान ने कहा, ‘इससे ​​पहले 3 कृषि कानूनों के समय प्रधानमंत्री खुद टीवी पर आए और कहा कि मुझे किसानों के लिए इन कानूनों को समझने में कमी है, इसलिए मैं कानून वापस ले रहा हूं. लेकिन अब सवाल यह है कि केंद्र सरकार किसानों से बात करने से क्यों डर रही है? उन्होंने कहा कि डल्लेवाल साहब की भूख हड़ताल को 38 दिन हो गए हैं लेकिन केंद्र सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है. हमने कई बार केंद्र सरकार से बात करने की कोशिश की है.

उन्होंने कहा कि सभी किसान संगठनों की मांगें एक जैसी हैं. लेकिन केंद्र सरकार किसी भी संगठन को बातचीत के लिए नहीं बुला रही है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद हमने डल्लेवाल के धरना स्थल से करीब 500 मीटर की दूरी पर 50 डॉक्टरों को दिन-रात तैनात किया है. एक रेस्टोरेंट को अस्पताल की सभी सुविधाएं देकर अस्पताल घोषित कर दिया है. दो दिन पहले मैंने खुद दल्लेवाल साहब से बात की थी और उन्हें बताया था कि आपका स्वास्थ्य हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

‘कृषि मंत्री को किसानों को बुलाकर बात करनी चाहिए’

पंजाब के सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार चाहती है कि हम डल्लेवाल को वहां से दूर ले जाएं, लेकिन न तो प्रदर्शनकारी किसान हिंसक हैं और न ही वहां किसी तरह का तनाव है. यह बातचीत तभी आगे बढ़ेगी जब केंद्र सरकार उनसे बात करेगी और सभी हितधारकों से बातचीत शुरू होगी. अगर भारत को विश्व गुरु बनना है और दुनिया के बड़े देशों के मुद्दों में मध्यस्थता कर सकता है, तो ये लोग हमारे अपने हैं, उनसे भी बातचीत की जा सकती है.

उन्होंने कहा, ‘केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान किसानों की समस्या जानते हैं क्योंकि मध्य प्रदेश में भी मालवा नाम का उपजाऊ क्षेत्र है. उन्हें किसानों को बुलाकर बात करनी चाहिए. पहले जो तीन कृषि कानून वापस लिए गए हैं, उन्हें नई नीति बनाकर वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है. हमें एक पत्र भी भेजा गया है. यहां के किसानों के लिए मंडी बोर्ड एक बड़ी संस्था है, केंद्र सरकार इसे खत्म करना चाहती है.’

डल्लेवाल की मांगे केंद्र सरकार से जुड़ी हैं- CM मान

सीएम ने कहा, ‘केंद्र सरकार को ऐसी राजनीति नहीं करनी चाहिए कि हम किसानों से भिड़ जाएं. हम किसी तरह का संघर्ष और जान का नुकसान नहीं चाहते हैं. जब भी डल्लेवाल साहब अनुमति देते हैं, हमारी मेडिकल टीमें वहां मौजूद रहती हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि हम उन्हें जबरदस्ती कुछ नहीं खिला सकते लेकिन हम मेडिकल सुविधाएं दे सकते हैं. मैं डल्लेवाल साहब से भी कहना चाहूंगा कि आपका स्वास्थ्य हमारे लिए बहुत जरूरी है, अपनी जान जोखिम में न डालें.’

उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह अपना अड़ियल रवैया छोड़े. अड़ियल रवैया मामले को बिगाड़ता है. सहमति से ही चीजें आगे बढ़ती हैं. दुनिया में भी अगर युद्ध होता है तो टेबल पर बैठकर बातचीत करके सुलझाया जाता है. यह मत सोचिए कि आप पंजाबियों को आपस में लड़ा देंगे. अगर डल्लेवाल साहब को कुछ हुआ तो इसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार और भाजपा की होगी. क्योंकि मांगें केंद्र सरकार से जुड़ी हैं.

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