महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई हलचल तब शुरू हो गई जब दिवंगत बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे ने यह कहकर एक नई बहस छेड़ दी कि अगर उनके पिता के समर्थक इकट्ठे हो जाएं, तो वे एक नई पार्टी का गठन कर सकते हैं. रविवार को नासिक में स्वामी समर्थ केंद्र के एक कार्यक्रम में बोलते हुए, पंकजा मुंडे ने स्पष्ट किया कि उनके पिता के समर्थकों के पास इतनी प्रभावी संख्या और ताकत है कि वे एक अलग राजनीतिक दल का रूप बना सकते हैं.
यह बात उनके पिता गोपीनाथ मुंडे को सम्मान देने का एक तरीका था या बीजेपी को अप्रत्यक्ष रूप से चेतावनी देना था, यह स्पष्ट नहीं है. फिर भी, उनके इस बयान से राजनीतिक गलियारों में कई अटकलें शुरू हो गई हैं.
लोग सिर्फ गोपीनाथ मुंडे की बेटी के रूप में मेरे साथ नहीं जुड़ते’
पंकजा मुंडे ने कार्यक्रम में यह भी कहा कि गोपीनाथ मुंडे के चाहने वाले उनकी विरासत और उनके द्वारा दिखाए गए प्रेम के लिए उनसे जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा, “वे सिर्फ गोपीनाथ मुंडे की बेटी के रूप में मेरे साथ नहीं जुड़ते. वे मेरे पिता के गुण और उनके प्रेम से जुड़े हुए हैं.”
गोपीनाथ मुंडे को चाहने वालों की एक पार्टी है!
पंकजा मुंडे का बयान यह दर्शाता है कि पंकजा मुंडे अपने पिता की राजनीतिक धरोहर को कितनी गंभीरता से लेती हैं और उन्हें लगता है कि उनके समर्थक अब भी संगठित होकर बड़ी राजनीतिक ताकत बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि गोपीनाथ मुंडे को चाहने वालों की एक पार्टी है. गोपीनाथ मुंडे ने बीजेपी के जन्म से ही काम किया है राज्य में इस पार्टी का गठन हो चुका है
पंकजा मुंडे के बयान पर नहीं आई कोई प्रतिक्रिया!
हालांकि, पंकजा मुंडे की बात की सत्यता और इसके पीछे की मंशा पर बीजेपी के नेताओं ने कोई टिप्पणी नहीं की है. पार्टी की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे यह मामला और भी रहस्यमय बना हुआ है. यह देखना दिलचस्प होगा कि पंकजा मुंडे के इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीतिक दिशा किस ओर मुड़ेगी और क्या यह महज एक बयान है या इसके पीछे वाकई कोई गहरी राजनीति छुपी है.