4 दिसंबर 2024, दिन सोमवार…शगुफ्ता मलिक के लिए भी ये किसी आम दिन जैसा ही था. सहारनपुर के एक हॉस्पिटल में स्टाफ नर्स की नौकरी करने वाली शगुफ्ता कल भी समय से ड्यूटी पर आ गई थीं. दोपहर में लंच के टाइम अचानक उनके फोन की घंटी बजी. उन्होंने फोन पिक किया तो और थोड़ी ही देर में उनकी जिंदगी में जैसे तूफान आ गया. वो इस एक फोन कॉल से डिजिटल अरेस्ट हो चुकी थीं. शगुफ्ता ने अपनी पूरी कहानी साझा की है. आइए जानते हैं कि कैसे वो इस जाल से बच पाईं.
शगुफ्ता बताती हैं कि फोन पर उसने अपना परिचय पुलिसवाले के तौर पर दिया. फिर उसका दूसरा वाक्य था कि तुम्हारा बेटा रुड़की में पढ़ता है न? शगुफ्ता ने कहा-जी, उसने दूसरा सवाल दागा-कितने साल का है? शगुफ्ता ने खुद ही बता दिया कि 20 साल का है. उधर से वो बताने लगा कि यहां एक लड़की के साथ रेप हो गया है. उसमें चार लड़के शामिल थे, मर्डर भी हो गया लड़की का. यहां मौके पर तुम्हारा बेटा भी मिला है. शगुफ्ता के पैरों तले मानो जमीन खिसक गई.
उधर से आई बेटे के रोने की आवाज
शगुफ्ता कहती हैं कि फिर भी मुझमें कुछ विवेक बाकी था और मैंने उससे कहा कि बात कराओ बेटे से. बस, तुरंत ही उसने फोन पकड़ा दिया और उधर से मेरे बेटे जैसी आवाज आई. वो रो रहा था मम्मी बचा लो, प्लीज मम्मी बचा लो. बस उस वक्त दिमाग जैसे सुन्न पड़ गया. उन्हें लगा कि पक्का ये उसी की आवाज है. इसके तुरंत बाद वो कहने लगा कि आप पैसे दे दो एक लाख या 50 हजार रुपये हम लड़के को छोड़ देंगे.
इस पर शगुफ्ता बोली कि मेरे अकाउंट में तो सिर्फ 6000 रुपये ही हैं तो वो बोला वो ही डाल दो. कहने लगा कि ऐसे छोड़ देंगे सर, वो तो ऐसे ही शरीफ लडका लग रहा है. शगुफ्ता कहती हैं कि लेकिन वो तो फ्रॉड ही थे तो दोबारा फिर कॉल कर दिया कि इसमें कुछ नहीं होगा. आपको पैसा अपने बेटे के करियर से ज्यादा प्यारा है. सोचकर देखो कि क्या होगा आगे उसका. यहां मीडिया वाले घूम रहे हैं. आप पैसा डलवाइए जो कि मुलाजिमों को देना हेागा ताकि वो मुंह बंद रखें किसी के सामने नाम न लें. इस पर शगुफ्ता ने कहा कि मैं इंतजाम करती हूं कहीं से, तो वो बोला कि आप कॉल करो किसी को और कॉल ऑन रहने दो.
मेरी सहयोगी ने समझाया
पेशे से स्टाफ नर्स शगुफ्ता बताती हैं कि इस बीच मेरी ही तरह मेरी सहयोगी एक और स्टाफ नर्स थी जो कि बोल रही थी कि सब फ्रॉड है. उसने इशारे से बोला था कि रिकॉर्डिंग कर लो. उधर वो कह रहा था कि कॉल काटे बिना किसी दूसरे नंबर से कॉल करके पैसा मंगाओ, उधर मेरी सहयोगी कह रही थी कि कॉल काटो और अपने बेटे को कॉल करो. उसने ये वाला फ्रॉड सुन रखा था तो वो बहुत कॉन्फीडेंट थी. उसके कहने पर ही मैंने फोन काटा और बेटे को कॉल किया. बेटे ने बताया कि मैं घर पर हूं और मैंगलोर में हूं.
शगुफ्ता कहती हैं कि वो रुड़की में रहकर बी फॉर्मा की पढ़ाई कर रहा है, लेकिन वो किसी काम से मैंगलोर गया था तो उसने भी बताया कि ये सब झूठ है, मैं एकदम ठीक हूं. इससे मुझे यकीन हुआ कि वो फ्राड है और मुझे डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश थी जिससे मैं कॉल पर रहते हुए ही पैसा मांगकर उसे भेजूं.
दिया डिजिटल अरेस्ट सीखने का ऑफर
इसके बाद थोड़ी देर बाद लगातार कॉल आनी शुरू हुईं और शगुफ्ता का पारा हाई हो गया. शगुफ्ता कहती हैं कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरे साथ कुछ हो सकता है. लेकिन बस वो रोने की आवाज सुनकर लगा कि ये मेरे बेटे की ही है. मेरी मानसिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी थी. लेकिन जब बाद में देखा कि ट्रू कॉलर पर पाकिस्तान लिखा आ रहा था और रिकॉर्डिंग सुनी तो उसकी बातचीत का लहजा भी पाकिस्तान का था. अब जब बाद में मुझे कॉल कर रहा था तो मैंने कॉल उठा लिया.
शगुफ्ता बताती हैं कि इसके बाद मैंने उसे धमकाया कि आप अपने देश के लिए भी और मजहब के नाम पर भी धब्बा हो. पाकिस्तानी के तौर पर ये हरकत मेरे जेहन में दर्ज हो गई है. इस पर वो बोला कि मुझे ये काम करके यहां बहुत इज्जत मिलती है, मैं आपको भी सिखा दूंगा. यही काम करके मेरा यहां महल बना हुआ है. इस पर शगुफ्ता ने कहा कि ये महल ही तुम्हें दोजख में ले जाएगा.यह गुनाह है.