पिछले कुछ साल में शेयर बाजार में गजब की तेजी दिखाई है. Sensex आज 74,000 के लेवल को पार कर चुका है तो वहीं Nifty 22,500 के ऊपर कारोबार कर रहा है. कुछ सेक्टर ने तो ऐसी ग्रोथ दिखाई है, जिसका अनुमान बहुत कम था. यील्ड मैक्सिमाइजर के संस्थापक योगेश मेहता का मानना है कि चुनाव नतीजे आने तक घरेलू इक्विटी बाजार के मौजूदा दायरे में बने रहने की संभावना है.
बिजनेस टुडे के साथ बातचीत में योगेश मेहता ने कहा कि 4 जून को चुनाव नतीजे घोषित होने तक NSE निफ्टी इंडेक्स 21,700 और 22,800 के बीच रह सकता है. पिछले सप्ताह में निफ्टी 1.87 फीसदी की गिरावट के बाद 17 मई को समाप्त सप्ताह तक 1.86% रिकवरी हुई है. ऐसे में इनका ये अनुमान मेल करता हुआ दिखाई दे रहा है.
रिर्पोट में कहा गया है कि मार्केट पर नजर रखने वालों का मानना है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) दोबारा सत्ता में आते हैं तो रेलवे, इंफ्रास्ट्रक्चर, डिफेंस, इलेक्ट्रिकसिटी और पब्लिक सेक्टर्स की कंपनियां (पीएसयू) जैसे सेक्टर्स में तूफानी तेजी आएगी. साथ ही इन सेक्टर्स की कंपनियों में पैसा लगाने वाले निवेशकों को मजबूत रिटर्न मिल सकते हैं.
इन सेक्टर्स के शेयर अपने शानदार रिटर्न के कारण पहले से ही दलाल स्ट्रीट पर शानदार ग्रोथ दिखा चुके हैं. उदाहरण के लिए, एस्ट्रा माइक्रोवेव प्रोडक्ट्स और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स जैसे डिफेंस कंपनियों ने 17 मई, 2023 से अभी तक 124% और 194% की बढ़ोतरी दर्ज की है. NIBE लिमिटेड, भारत डायनेमिक्स, डेटा पैटर्न और पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज भी 298%, 92%, 81% और 35% का रिटर्न दे चुके हैं.
दूसरी ओर, पिछले 1 साल में 50 से अधिक पीएसयू कंपनियों ने 100% से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की है. 387 प्रतिशत की तेजी के साथ Cochin Shipyard के शेयरों ने 16 मई तक सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है. वहीं IRFC, IFCI, आवास और शहरी विकास निगम (HUDCO), REC ने 300 फीसदी से ज्यादा की तेजी दिखाई है. योगेश मेहता ने कहा कि ऐसे में हम पीएसयू सेक्टर को लेकर उत्साहित हैं. निवेशक डिफेंस, पावर और बैंकिंग सेक्टर्स से स्टॉक को चुन सकते हैं.
मेहता ने कहा कि आम चुनाव का कोई भी प्रतिकूल या अप्रत्याशित परिणाम शेयर बाजार में भारी गिरावट ला सकता है. उन्होंने कहा कि कोई भी मार्केट की प्रतिक्रिया की तीव्रता का अनुमान नहीं लगा सकता है या इसकी मात्रा को निर्धारित नहीं कर सकता है. उन्होंने निवेशकों को लॉन्ग टर्म में निवेश और म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में निवेश करने की सलाह दी. अगर आप कंपनी के फंडामेंटल को समझते हैं तो डायरेक्ट इक्विटी में निवेश कर सकते हैं.
मेहता ने कहा कि इक्विटी में अगले 10 वर्षों में बढ़ने की अधिक संभावना है. सोना एक अप्रत्याशित संपत्ति वर्ग है. आंकड़ों से पता चला है कि गोल्ड में पिछले पांच वर्षों में 128 फीसदी और पिछले एक वर्ष में 20 फीसदी की तेजी आई है. दूसरी ओर, इक्विटी इंडेक्स BSE Sensex पिछले पांच वर्षों में 97 फीसदी और पिछले एक साल में 19 फीसदी बढ़ा है.
*(नोट- यह खबर बिजनेस टुडे की रिपोर्ट पर आधारित है. किसी भी स्टॉक में निवेश करने से पहले आपको अपने मार्केट एक्सपर्ट से सलाह जरूर लेना चाहिए.)*