अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने मंगलवार को कहा कि अगर रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस एक औपचारिक युद्धविराम प्रस्ताव पेश नहीं करता है, तो अमेरिका उस पर नए प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकता है. यह बयान उन्होंने अमेरिकी सीनेट की विदेशी मामलों की समिति के सामने दिया.
रुबियो ने कहा, “हमें जानकारी मिली है कि रूस युद्धविराम के लिए अपनी शर्तों को लिखित रूप में देने की तैयारी कर रहा है, जिससे आगे की व्यापक वार्ता संभव हो सकेगी. हम उन शर्तों का इंतज़ार कर रहे हैं, तभी हमें पुतिन के इरादों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी.”
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
तो प्रतिबंध ही रहेगा विकल्प?
जब रुबियो से पूछा गया कि अगर रूस शांति वार्ता में रुचि नहीं दिखाता तो क्या अमेरिका नए प्रतिबंध लगाएगा? उन्होंने कहा, “अगर यह स्पष्ट हो गया कि रूस शांति नहीं चाहता और युद्ध जारी रखना चाहता है, तो प्रतिबंधों का रास्ता अपनाना ही पड़ेगा.”
हालांकि रुबियो ने यह भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस समय किसी प्रकार के प्रतिबंधों की धमकी नहीं देना चाहते, क्योंकि इससे चल रही कूटनीतिक प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है. रुबियो ने कहा, “राष्ट्रपति का मानना है कि अगर अभी से प्रतिबंधों की धमकी दी गई, तो रूस बातचीत से पीछे हट सकता है.” रूबियो ने यह भी कहा कि ट्रंप इस संघर्ष को खत्म करने के लिए “पूरी तरह से प्रतिबद्ध” हैं और दोनों पक्षों को शांतिपूर्ण समाधान की ओर ले जाने की क्षमता बनाए रखना चाहते हैं.
रुबियो बोले- ट्रंप शांति वार्ता के लिए प्रतिबद्ध
उन्होंने आगे बताया कि ट्रंप इस संघर्ष को खत्म करने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और दोनों पक्षों को शांति की ओर ले जाने का प्रयास जारी रखना चाहते हैं. इससे पहले सोमवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने खुलासा किया कि उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से दो घंटे लंबी फोन बातचीत की, जिसके बाद रूस और यूक्रेन ‘तत्काल’ युद्धविराम और शांति वार्ता शुरू करने पर सहमत हो गए हैं.
उन्होंने यह भी बताया कि नव-निर्वाचित पोप लियो XIV के नेतृत्व में वेटिकन इन वार्ताओं की मेज़बानी करने को तैयार है. यह पहल ऐसे समय में आई है जब इस्तांबुल में हालिया शांति वार्ता विफल हो गई थी, हालांकि दोनों देशों ने कैदियों की अदला-बदली पर सहमति जताई थी.