‘मेरी बहन जब 19 दिसंबर की रात घर से भागी तो हम सब बहुत डर गए थे. कुछ देर पहले मम्मी से बहस हो गई थी. वो घर से कॉलेज जाने की बात कहकर निकली और फिर वापस नहीं आई थी. पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था. हमने गुमशुदगी लिखाई और 22 दिसंबर को वो खुद ही वापस आ गई, वापस आकर उसने जो बताया हम सबके रोंगटे खड़े हो गए. बहन ने बताया कि वो लुटेरी दुल्हन बनने वाली थी, जान बचाकर भागी है…’
नोएडा के रहने वाले आशीष (बदला हुआ नाम) यह वाकया बताते हुए सहम-से जाते हैं. वो कहते हैं कि एक हफ्ते में ही परिवार ने बहुत कुछ देख लिया. मेरे पिता एक प्राइवेट जॉब करते हैं और मैं भी कपड़े की दुकान चलाता हूं. हमारे परिवार के लिए यह घटना बहुत डराने वाली थी कि बहन घर से चली गई है.
हम दिन रात उसे खोज रहे थे लेकिन अचानक वो तीन दिन बाद लौट आई. आशीष बताते हैं कि उनकी बहन ने वापस आने के बाद जो बताया वो उसके भागने की घटना से भी भयावह था. बहन ने बताया कि घर से नाराज होकर उसे कुछ समझ नहीं आया और वो दादरी स्टेशन से ट्रेन में बैठकर चली गई थी. वो रास्ते में ही गैंग के एक सदस्य से मिली और अलीगढ़ स्टेशन में उतर गई . वहां उसे तीन लोग मिले, उन्होंने अपना नाम आमिर, प्रदीप और संतोष बताया था. ये लोग उसे समझा-बुझाकर अलीगढ़ में ही रह रही एक महिला मालती के घर ले गए. वहां वो रही तो इन सभी ने उसे झांसे में लेना शुरू किया.
सबसे पहले तो उसे बेचने का प्लान बनाया.
इन तीनों में प्रदीप देखने सुनने में स्मार्ट था. मालती ने बहन को समझाया कि हम तुम्हारी प्रदीप से शादी करा देंगे. साथ ही तुम्हें अच्छा काम भी दिला रहे हैं. उसे बरगला रहे थे कि तुमको एक बंदे से शादी करनी होगी. थोड़े दिन तुम वहां रहोगी, इसके बाद वहां से हम तुम्हें वापस ले आएंगे. वापस आकर प्रदीप से तुम्हारी शादी करा देंगे. मेरी बहन ने यह प्लान सुन तो लिया लेकिन उसे इनकी बातचीत से भनक लग गई कि ये तो पूरा गैंग हैं जो हम जैसे लोगों को ऐसे फंसा रहे हैं. ये ताे एक तरह से हमको ही बेचने का प्लान बना रहे हैं. चूंकि गैंग के सदस्यों को लग रहा था कि उन्होंने लड़की को विश्वास में ले लिया है. इसलिए उन्हें शक नहीं हुआ और वो बहाना बनाकर मालती के घर से निकली. पास में कुछ पैसे थे तो स्टेशन पहुंचकर दिल्ली की ट्रेन पकड़ी और वहां से सीधे अपने घर आ गई.
आशीष बताते हैं कि मेरी बहन की बातें सुनकर हम उसे पुलिस के पास गए तो पुलिस ने सारी जानकारी लेकर छानबीन शुरू की. इस छानबीन में एक ऐसे गैंग का पता चला जो शादी के नाम पर तमाम लोगों को ठग चुका था. पुलिस ने तीन दिन के भीतर ही इस गैंग के चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस को पता चला है कि आरोपी प्रदीप पर अलीगढ़ से लेकर बुलंद शहर तक कई थानों में ऐसे ही मामले दर्ज हैं जिसमें इसने शादी के नाम पर लोगों को झांसा दिया है. सोचिए- कितने ही ऐसे केस हुए होंगे जो दर्ज नहीं होंगे.
‘बागी’ लड़कियों को बनाते थे लुटेरी दुल्हन
सेंट्रल नोएडा पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार गैंग के लोग ऐसी लड़कियों की तलाश में रहते थे जो घर से भागी हुई हों या नौकरी पाने की बहुत ज्यादा लालसा हो. उन्हें लालच देकर लुटेरी दुल्हन बनने पर राजी कर लिया जाता था. इनके गैंग में मालती और अनम नाम की दो महिलाएं थीं जो कि शादी के लिए रिश्ता तय होने पर रिश्तेदार बनकर जाती थीं. फिर शादी होने के कुछ ही दिन बाद वो घर से जूलरी पैसे लेकर भाग आतीं. गैंग उन्हीं लड़कियों को शादी कराके दूसरी जगह भेज देता. इस तरह इनका खेल चलता रहता था.
बड़ी उम्र के ‘दूल्हों’ को बनाया जाता था निशाना
DCP सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने aajtak.in को बताया कि ये गैंग बहुत शातिर ढंग से काम कर रहा था. इसमें चार मेन लोग थे जो कि फर्जी तरीकों से शादी कराने का प्लान करते थे. इस गैंग में संतोष नाम का आरोपी बिचौलिये का काम करता था और वो ऐसे लोागों को खोजता था जिनकी शादी की उम्र निकल चुकी होती थी और किसी की तलाश कर रहे होते थे. संतोष गैंग के मुखिया प्रदीप समेत दूसरे सदसयों मालती, आमिर आदि को परिवार के तौर पर मिलाता था. फिर सादे ढंग से शादी होती थी.
ये लोग लड़के वालों से भी शादी के खर्च के नाम पर पैसे लेते थे. फिर बाकायदा शादी होने के बाद लड़की दुल्हन बनकर रहती थी. फिर ये लोग विदाई की रस्म के लिए जाते और लड़की को विदा करा लाते. लड़की सारा जेवर और नकदी लेकर ससुराल से निकलती और फिर वापस नहीं जाती थी. ये गैंग साल 2015 से सक्रिय है, इनके खिलाफ बुलंद शहर, अलीगढ़ और नोएडा में मुकदमे लिखे हैं. नोएडा की ये लड़की भी इसी गैंग का शिकार बन गई थी. पीड़ित लड़की ने बताया है कि कैसे उसकी कहीं शादी कराई जा रही थी लेकिन वो स्थिति भांपकर भाग आई.
एक ही इलाके में ठगे गए दो दूल्हे
अलीगढ़ में इसी साल 14 मई को मानव बंसल और उनके पड़ोस में रहने वाले दिनेश की मंदिर में शादी हुई. शादी कराने में प्रदीप का पूरा गैंग शामिल था. मानव बंसल ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि कैसे 14 मई को मेरी शादी नेहा नाम की लड़की से प्रदीप शर्मा ने कराई. लड़की को हम विदा कराके घर ले आए. फिर 16 मई को भाई भाभी बनकर दो लोग आए और लड़की को विदा कराके ले गए. लड़की सोने की चार चूड़ी, चैन, मंगलसूत्र जैसे कई जेवर पहनकर और मुझसे पैसे लेकर राजी खुशी से गई. जब मैं 17 मई को दोबारा विदा कराने के लिए जाने लगा तो वो सभी मोबाइल नंबर ऑफ हैं जिन्होंने शादी कराई थी.
मुझे पता चला कि ऐसी ही घटना मेरे पड़ोसी दिनेश के साथ हुई. उसकी शादी पूजा नाम की लड़की से 16 मई को इन्हीं लोगों ने कराई थी. 17 मई को वो भी बाजार जाने के बहाने से चली गई. ऐसे में हम लोगों को शक हुआ तो बिचौलिया से बात की. उसने टका सा जवाब दिया कि हमारा काम सिर्फ पैसे लेकर शादी कराना है. लड़की को रखने का काम हमारा नहीं है, जबकि शादी कराने के लिए इन्होंने हमसे 80 हजार रुपये नकद लिए थे. ये पूरा ऐसा गिरोह है जो शादी के नाम पर लोगों को ठग रहा है.