राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े अलवर के राजा भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय के दूसरे चरण के शिलान्यास समारोह में पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने छात्राओं से कहा कि आप ताकतवर बनो और जो तकलीफ देते हैं उनका डट कर सामना करो. हमारे यहां तो बहुत हिम्मतवान छात्राएं हैं. उनको आदर्श रखकर मजबूती से रहना चाहिए. राज्यपाल ने कहा कि केवल डिग्री हासिल कर लेना ही शिक्षा नहीं है.
राज्यपाल ने कहा कि मैं बहुत से वीडियो आते हैं जिन्हें देखकर शर्म आती है. मैंने ऐसे कई वीडियो देखें हैं. लोग किसी लड़की के पीछे उसकी इज्जत लेने को तैयार होते हैं और हम वीडियो बनाने में व्यस्त रहते हैं. ये मानसिकता है लोगों की हमें इस मानसिकता से निकलना होगा. ये मोबाइल छोड़कर आरोपियों को पकड़ने की कोशिश करनी होगी. उन्होंने कहा कि कुछ लोग पुलिस की राह देखते रहते हैं. हो सकता है कि जब तक किसी का खून भी हो जाए. ये मानसिकता क्यों आ गई? मानसिकता बदलनी पड़ेगी. मानसिकता पर बहुत कुछ निर्भर करता है.
‘कॉम्पिटिशन बहुत है’
राज्यपाल ने स्टूडेंट्स से कहा कि नौकरी पर जाने के लिए योग्य बनें. इसका मतलब केवल डिग्री हासिल करना नहीं है. हमें बौद्धिक क्षमता का प्रदर्शन करना होगा. नौकरी पाने के लिए कॉम्पिटिशन बहुत है. चाहे आरक्षण वाले हों या गैर आरक्षण वाले. सबके लिए कॉम्पिटिशन है. केवल टेक्स्ट बुक पढ़ने से ही पास नहीं हो सकते हैं. टेक्स्ट बुक के अलावा भी पढ़ना होगा. जो अलग से पढ़ाई करेंगे, वो आगे निकलेंगे. सभी को शिक्षकों से पढ़ना चाहिए. शिक्षा पद्वति में थोड़ा बहुत बदलाव हुआ है. लेकिन, मुख्य स्वरूप में अधिक बदलाव नहीं हुआ है.
‘केवल डिग्री हासिल कर लेना शिक्षा नहीं’
राज्यपाल ने कहा कि केवल डिग्री हासिल कर लेना शिक्षा नहीं है. डिग्री का उपयोग बहुत पहले होता था, जब नौकरियां अधिक थीं और डिग्री कम थीं. लेकिन, अब नहीं है. देश में नालंदा विश्वविद्यालय की पहचान आगे बढ़ाने का काम शुरू हो चुका है. पहले हमारी संस्कृति नष्ट करने की कोशिश की गई. लेकिन, हमारे लोगों ने जीवित रहकर सबको सुरक्षित रखने का प्रयास किया. हम खुद ही हमारे देश का विकास कर सकते हैं. नई शिक्षा पद्वति 2020 में बनी. देश के 400 कुलपति और शिक्षा क्षेत्र के जाने माने 1400 लोगों ने 2 साल में शिक्षा नीति बनाई है. ये शिक्षा नीति देश के लिए अच्छी रहेगी.