राजस्थान के स्कूलों में अगर कोई बच्चा फेल हुआ तो अब शिक्षकों पर होगी कार्रवाई होगी…ये कहना है राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का. उन्होंने साफ लफ्जों में कह दिया है कि अगर प्रदेश के किसी भी सरकारी स्कूलों में बच्चा किसी भी कक्षा में फेल हुआ तो इसकी जिम्मेदारी शिक्षक की होगी और उसी पर गाज गिरेगी. मंत्री के इस बयान ने सरकारी टीचर्स में खलबली पैदा कर दी है.
दरअसल राजस्थान की भजनलाल सरकार में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर शनिवार को नागौर के एक दिवसीय दौरे पर थे. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस बार अगर सरकारी स्कूलों में बच्चों के रिजल्ट नहीं मिले, तो ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि बच्चों के लिखित परीक्षा में कम से कम 50 प्रतिशत नंबर आने चाहिए .अगर बच्चे 80 में से 40 नंबर नहीं लाते हैं, वह पास तो हो जाएंगे, लेकिन उन टीचर्स को फेल कर दिया जाएगा.
‘बच्चों की पढ़ाई पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा’
मंत्री ने कहा कि इन फैसलों से बच्चों की पढ़ाई पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और परीक्षा परिणामों में इसका असर देखने को मिलेगा. और अगर ऐसा नहीं हुआ तो शिक्षकों की जवाबदेही तय की जाएगी. मंत्री ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कर रहे हैं हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.
‘सरकार 50,000 शिक्षकों की पदोन्नति करेगी’
उन्होंने प्रदेश में नए शिक्षा सत्र में कई बदलावों की जानकारी दी. उन्होंने पिछली सरकार पर पांच साल के कार्यकाल के दौरान शिक्षकों की पदोन्नति नहीं करने का आरोप लगाया और कहा कि वर्तमान सरकार 50,000 शिक्षकों की पदोन्नति करेगी. इसके साथ ही नई शिक्षक भर्ती के लिए भी आयोजन किया जाएगा.
‘री-टोटलिंग के साथ री-चेकिंग की सुविधा मिलेगी’
बोर्ड परीक्षाओं को लेकर मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि अब बोर्ड परीक्षाओं में कम नंबर आने पर उत्तर पुस्तिकाओं की री-टोटलिंग के साथ री-चेकिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी. इसके अलावा, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के प्रश्नपत्र अब तीन-चार खंडों में विभाजित कर विभिन्न विशेषज्ञों से तैयार कराए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस नई व्यवस्था से पेपर लीक और नकल माफिया पर अंकुश लगेगा, जिससे परीक्षा प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष होगी.