कॉलेज फीस ज्यादा मांगे तो मुझसे मिलें’, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा- राजभवन का दरवाजा आपके लिए खुला

लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी (एबीवीएमयू) के पहले दीक्षांत समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कॉलेजों में बेतहाशा फीस वृद्धि और किसानों की अनदेखी पर कड़ा रुख अपनाया. समारोह में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह भी मौजूद रहे. राज्यपाल ने न केवल शिक्षा के क्षेत्र में व्याप्त अनियमितताओं पर चिंता जताई, बल्कि मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाली बेटियों की सुरक्षा और सम्मान पर भी विशेष ध्यान देने की हिदायत दी.

राज्यपाल ने मेडिकल कॉलेजों में अचानक और भारी-भरकम फीस वृद्धि पर गहरी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा, “हर साल 5 लाख तक फीस बढ़ाना गलत है. अगर कहीं ऐसा हो रहा है तो राजभवन आकर शिकायत करें, हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं.” उन्होंने आगरा के एक मामले का जिक्र किया, जहां एक गरीब परिवार ने अपने बच्चे के मेडिकल एडमिशन के लिए 15 लाख रुपए का डोनेशन देने के लिए जमीन बेच दी थी, लेकिन क्लास शुरू होने से पहले ही बच्चे की मौत हो गई. राज्यपाल के हस्तक्षेप के बाद ही परिवार को पैसा वापस मिल सका. उन्होंने कहा, “गरीब माता-पिता अपनी जमीन बेचकर बच्चों को पढ़ाते हैं. बीच सत्र में फीस वृद्धि से उन्हें गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है. यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगा.”

बता दें कि बाराबंकी के रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी की मान्यता, फीस और छात्रों पर भारी जुर्माने के विवाद के बीच राज्यपाल का यह बयान और भी महत्वपूर्ण हो जाता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी यूनिवर्सिटी को मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने या छात्रों का शोषण करने की इजाजत नहीं दी जाएगी.

किसानों का योगदान, यूनिवर्सिटी का पहला दान

राज्यपाल ने यूनिवर्सिटी की स्थापना में किसानों के योगदान को रेखांकित किया. उन्होंने कहा, “कोई भी यूनिवर्सिटी ऐसे ही नहीं बनती. पहला दान किसान करते हैं, अपनी जमीन देकर. क्या हमने कभी सोचा कि कितने किसानों की जमीन यूनिवर्सिटी बनाने में गई? उनके लिए कुछ करना चाहिए.” उन्होंने सुझाव दिया कि यूनिवर्सिटी परिसर में किसानों के लिए कुछ हिस्सा या नौकरी के अवसर उपलब्ध कराए जाएं. उन्होंने उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य राज्यमंत्री से इस दिशा में ठोस कदम उठाने का आग्रह किया.

मेडिकल कॉलेजों में बेटियों की सुरक्षा पर जोर

राज्यपाल ने मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाली बेटियों की सुरक्षा और सम्मान को प्राथमिकता देने की बात कही. उन्होंने कहा, “कुलपति और शिक्षकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बेटियों का किसी भी तरह से शोषण न हो.” उन्होंने छात्राओं से भी आह्वान किया कि किसी भी अनुचित व्यवहार की स्थिति में वे बिना डर के राजभवन में शिकायत करें.

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