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‘निष्पक्ष चुनाव होते तो मुझे नहीं लगता बीजेपी 246 के करीब भी पहुंचती’, US में राहुल गांधी का बड़ा बयान

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और सीनियर कांग्रेस नेता राहुल गांधी 3 दिनों के अमेरिका दौरे पर हैं. अपने दौरे के दौरान राहुल गांधी मंगलवार को वाशिंगटन डीसी में स्थित जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी पहुंचे. यहां उन्होंने छात्रों के साथ संवाद किया. राहुल ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर निशाना भी साधा.

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राहुल गांधी ने कहा, ‘चुनावों से पहले, हम इस विचार पर जोर देते रहे कि संस्थाओं पर कब्जा कर लिया गया है. आरएसएस ने शिक्षा प्रणाली पर कब्जा कर लिया है. मीडिया और जांच एजेंसियों पर कब्जा है. हम यह कहते रहे, लेकिन लोगों को समझ में नहीं आ रहा था. फिर संविधान को आगे रखना शुरू किया और जो कुछ भी कहा था, वह अचानक से फूट पड़ा.’

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘गरीब भारत, उत्पीड़ित भारत ने यह समझ लिया कि अगर संविधान खत्म हो गया तो पूरा खेल खत्म हो जाएगा. गरीबों ने गहराई से समझ लिया कि यह संविधान की रक्षा करने वालों और इसे नष्ट करने वालों के बीच की लड़ाई है. जाति जनगणना का मुद्दा भी बड़ा हो गया. ये चीजें अचानक एक साथ आने लगीं. मुझे नहीं लगता कि निष्पक्ष चुनाव में भाजपा 246 के करीब थी. उनके पास बहुत बड़ा आर्थिक लाभ था. उन्होंने हमारे बैंक खाते बंद कर दिए थे.’

निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा, ‘चुनाव आयोग वही कर रहा था, जो वे (BJP) चाहते थे. पूरा अभियान इस तरह से बनाया गया था कि नरेंद्र मोदी देश भर में अपना काम करें. जिन राज्यों में वे (बीजेपी) कमजोर थे, उन्हें उन राज्यों से अलग डिजाइन किया, जहां वे मजबूत थे. मैं इसे स्वतंत्र चुनाव के रूप में नहीं देखता. मैं इसे नियंत्रित चुनाव के रूप में देखता हूं.’

राहुल गांधी ने कहा, ‘प्रचार अभियान के आधे समय में मोदी को नहीं लगा कि वे 300-400 सीटों के करीब हैं. जब उन्होंने कहा कि मैं सीधे भगवान से बात करता हूं तो हमें पता चल गया था कि हमने उन्हें पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है. हमने इसे मनोवैज्ञानिक पतन के तौर पर देखा. नरेंद्र मोदी को सत्ता में लाने वाला गठबंधन टूट गया है. सरकार और दो या तीन बड़े व्यवसायों के बीच बहुत बड़ी सांठगांठ है. ओबीसी और दलितों को धोखा दिया जा रहा है.’

राहुल ने कहा, ‘मुद्दा यह है कि भारत के 90 फीसदी ओबीसी, दलित और आदिवासी इस खेल में शामिल नहीं हैं. जाति जनगणना यह जानने का एक सरल तरीका है कि निचली जातियां, पिछड़ी जातियां और दलित किस तरह से व्यवस्था में एकीकृत हैं. भारत के शीर्ष 200 व्यवसायों में से भारत की 90 फीसदी आबादी के पास लगभग कोई स्वामित्व नहीं है. देश के सर्वोच्च न्यायालयों में भारत के 90 फीसदी लोगों की लगभग कोई भागीदारी नहीं है. हम समझना चाहते हैं कि उनकी सामाजिक और वित्तीय स्थिति कैसी है. हम इन संस्थानों में भारत की भागीदारी की भावना जानने के लिए भारतीय संस्थानों को भी देखना चाहते हैं.’

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