ललितपुर-सिंगरौली : रेल लाइन परियोजना के देवसर भू-अधिग्रहण मुआवजा वितरण में हुई धांधली मामले में ग्राम छिवा विस्थापित के दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट जबलपुर में तलब सिंगरौली कलेक्टर को माननीय न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल द्वारा कड़ी फटकार लगाते हुए लैंड होल्डर को ब्याज सहित भुगतान का निर्देश दिया गया.
साथ ही निर्देश दिया गया कि भुगतान नही होने की स्थिति मे सिंगरौली कलेक्टर के साथ भू-अर्जन अधिकारी पर एफआईआई दर्ज हो. उक्त प्रकरण की पैरवी अधिवक्ता एल पी मिश्रा व अरुण द्विवेदी कर रहे है.
गौरतलब हो कि ललितपुर -सिंगरौली रेल लाइन परियोजना के भू-अधिग्रहण के मुआवजा वितरण मे हुई व्यापक धांधली से पीड़ित देवसर के ग्राम छीवा निवासी चित्रसेन उर्फर् शास्त्री द्विवेदी का मुआवजा किसी और को दे देने के मामले मे विरुद्ध मध्य प्रदेश शासन की याचिका पर हाई कोर्ट जबलपुर के माननीय न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने सिंगरौली कलेक्टर को 28जनवरी को हाई कोर्ट मे स्वयं उपस्थित होकर हाफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था.
न्यायालय के आदेशानुसार सिंगरौली कलेक्टर सिंगरौली की तरफ से उनके अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत हाफनामें को पढ़ते ही माननीय न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल द्वारा कलेक्टर सिंगरौली की क्लास लगाने लगे. न्यायमूर्ति श्री अग्रवाल द्वारा कहा गया की कलेक्टर की सराफत तब होता कि वह स्वीकार करते कि आपने वास्तविक जमीन मालिक के भू -अर्जन की राशि किसी दूसरे को दे दिया है.
न्यायमूर्ति यहीं नही रुके बल्कि फटकार लगाते हुए कहा कि आप सरकार है तो क्या, कुछ भी करेंगे. किसी की जमीन पर जिस पर उसका नाम नही दाखिल खारिज उसका मकान मान कर मुआवाज दे देंग. न्यायमूर्ति श्री अग्रवाल ने कलेक्टर के अधिवक्ता को भी फटकारते हुए निर्देश दिया गया कि भूमि मालिक को ब्याज सहित राशि का भुगतान करें.
यदि भुगतान नहीं होने की स्थिति मे कलेक्टर व भू-अर्जन अधिकारी सिंगरौली पर एफआईआर दर्ज हो. इस बीच कलेक्टर के अधिवक्ता द्वारा कलेक्टर को बचाने हेतु कहा गया की किसी की जमीन मे दूसरे व्यक्ति द्वारा मकान बनाने के कई मामले रहे हैं.
यह सुन कर न्यायमूर्ति श्री अग्रवाल ने अधिवक्ता व कलेक्टर पर फायर हो गये और कहा कि सिंगरौली में खुला भ्रष्टाचार हैं. वहां सीबीआई से जाँच करवाना चाहिए. उक्ताशय की जानकारी याचिका कर्ता के अधिवक्ता एल पी मिश्रा व अरुण द्विवेदी ने दी है.