बिहार के बेतिया में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है. यहां 15 साल का मासूम इम्तियाज, जो घर से स्कूल टीसी लेने निकला था, वह अब कभी लौटकर नहीं आएगा.
दरअसल, 12 अप्रैल को कुछ अपहरणकर्ताओं ने इम्तियाज का किडनैप कर लिया था, और फिरौती में पूरे 10 लाख रुपये मांगे. जब परिजन इतनी बड़ी रकम ना जुटा सके और पुलिस भी नाकाम रही, तो दरिंदों ने इम्तियाज को चाकू से गोद-गोदकर मार डाला. उन्होंने उसका शव बगहा पुलिस जिले के रामनगर तौलाहा रेलवे ट्रैक के किनारे फेंक दिया. पुलिस ने शव को बरामद कर बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में पोस्टमार्टम कराने के बाद परिवार को सौंप दिया है.
अपहरण के कुछ घंटे बाद परिजनों को इम्तियाज के ही मोबाइल से कॉल आया था. इसमें इमतियाज की जान के बदले 10 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई और उसके बाद भोजपुरी भाषा में एक धमकी भरा मैसेज भेजा गया – 10 लाख नाहीं दिहबू आ पुलिस के बतइबू त लाश मिली. यह धमकी अब खौफनाक हकीकत बन चुकी है. परिवार के सामने इम्तियाज की लाश पड़ी है, और पूरे गांव में मातम पसरा है.
जिस इम्तियाज ने अपनी मां से कहा था कि वह स्कूल से टीसी लाने जा रहा है, उसी बेटे की लाश देखकर मां मिसरून खातुन बेसुध हो गई हैं. घर में कोहराम मचा है. किसी को यकीन नहीं हो रहा कि चंद रुपयों के लिए कोई इतना हैवान बन सकता है. परिवार के लोग फूट-फूटकर रो रहे हैं, और पुलिस पर गुस्सा उबाल पर है.
बेतिया एसपी डॉ. शौर्य सुमन इस केस की मॉनिटरिंग खुद कर रहे थे. पुलिस टीम लगातार छापेमारी कर रही थी, लेकिन अपराधी एक कदम आगे रहे. नतीजा हुआ कि इम्तियाज की लाश रेलवे ट्रैक के किनारे खून से लथपथ मिली.
घटना पर ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा है.लोगों का कहना है- अगर पुलिस तेजी से काम करती, तो इम्तियाज जिंदा होता. अब कम से कम हत्यारों को तो पकड़ो. ये मत कहो कि कातिल भी अंधेरे में खो गए.
वहीं नरकटियागंज एसडीपीओ जय प्रकाश सिंह ने बताया कि कल शाम को लड़के का शव रामनगर के तौलहा गांव के समीप डेड बॉडी बरामद किया गया है. सभी बिंदुओं पर जांच चल रही है. बहुत जल्द केस को सॉल्व कर दिया जाएगा.