विदेश नहीं जाएंगे तो दक्षिणा नहीं मिलेगी’… बाबा बागेश्वर बोले- जाना जरूरी है भैया लोग

इटावा में यादव कथावाचकों के साथ हुई बर्बरता के बाद पूरे राज्य में सियासत गरमा गई है. समाजवादी पार्टी के नेता लगातार राज्य सरकार पर जातिवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं सपा सुप्रीमो ने बाबा बागेश्वर पर मोटी फीस लेने का आरोप लगाया है. इस पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सीधा जवाब न देकर इशारों-इशारों में जवाब दिया है. बाबा बागेश्वर ने कहा कि ऊंचाइयों पर जाने के लिए उन्हें अपने जीवन में कितनी कठिनाइयों का सामना किया है यह लोग नहीं देखते हैं. उन्होंने कहा कि वह सिर्फ दूसरों को हनुमान जी की भक्ति दे सकते हैं. इस दौरान उन्होंने एक और बात पूरी तरह से स्पष्ट की कि वह जातिवाद को खत्म करना चाहते हैं.

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बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हाल ही में अपने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि आज लोग उन्हें बागेश्वर बाबा के नाम से जानते हैं, लेकिन इस नाम के पीछे उन्होंने कितनी तकलीफें सही हैं, यह किसी को नजर नहीं आता. उन्होंने कहा कि ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है. लोग आज सिर्फ मेरा नाम सुनते हैं, लेकिन यह कोई नहीं जानता कि मैंने कितनी रातें भूखे पेट काटीं, कितनी बार बिना सोए समय गुजारा. ये तकलीफें लोगों को दिखाई नहीं देतीं.

धीरेंद्र शास्त्री ने यह भी साफ किया कि उनका उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ भक्ति और सेवा है. उन्होंने कहा कि हम चमत्कार या प्रपंच नहीं करते. हमारा प्रयास है कि लोगों को संकटमोचन हनुमान जी की भक्ति से जोड़ा जाए. हम चाहते हैं कि लोग किसी चमत्कार के भरोसे नहीं, बल्कि सच्ची श्रद्धा से भक्ति करें.

विदेशी यात्राओं पर दी सफाई

विदेश यात्राओं को लेकर उठने वाले सवालों पर भी पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि अगर वो विदेश नहीं जाएंगे तो दक्षिणा नहीं मिलेगी. अगर उन्हें दक्षिणा नहीं मिली तो फिर जो अस्पताल वो बनवा रहे हैं वह कैसे बनेगा? अन्नपूर्णा भोजन योजना कैसे चलेगी? धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि उनका जाने का मन नहीं करता है लेकिन जाना पड़ता है.

धीरेंद्र शास्त्री ने लिया बड़ा संकल्प

धीरेंद्र शास्त्री ने इस साल अपने जन्मदिन पर एक बड़ा संकल्प भी लिया था. उन्होंने कहा कि अब वे जातिवाद के खिलाफ देशव्यापी अभियान चलाएंगे. अगर भारत को समृद्ध और शक्तिशाली बनाना है तो जातिवाद, भाषावाद और क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद को प्राथमिकता देनी होगी. उन्होंने ऐलान किया कि वे दिल्ली से वृंदावन तक पदयात्रा करेंगे, ताकि समाज में फैली जातीय दीवारों को गिराया जा सके और हर वर्ग के बीच एकता और भाईचारे का संदेश दिया जा सके

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