Aimim asaduddin owaisi lok sabha speech: लोकसभा में बोलते हुए AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपने भाषण की शुरुआत में उन 26 लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्हें केवल उनका नाम पूछकर और धर्म देखकर मार दिया गया. उन्होंने पूंछ के मदरसे ज़िया उलूम के शिक्षक वरुण इकबाल, 5 साल के मरियम, और 14 वर्षीय जैन अली और उर्वा फातिमा—हिंदू जुड़वां बहनों—का विशेष उल्लेख किया. उन्होंने बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज़ और लांसनायक दिनेश कुमार को भी धन्यवाद देते हुए, कश्मीर की आम जनता की सराहना की, जिन्होंने हमले के बाद मस्जिदों से ऐलान कर आतंकी कृत्य की खुली निंदा की.
सेना की बहादुरी को किया सलाम
ओवैसी ने भारतीय सेना को ऑपरेशन में मिली कामयाबी के लिए बधाई दी और कहा कि हमारी सेनाओं ने नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सबसे बड़ी सफलता यह थी कि देश में एकजुटता का माहौल बना, लेकिन सरकार ने इसका समुचित लाभ नहीं उठाया
ओवैसी ने प्रधानमंत्री के उस बयान का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते”. उन्होंने पूछा कि अगर आतंकवाद और बातचीत साथ नहीं चल सकते, तो फिर पाकिस्तान से क्रिकेट मैच कैसे खेला जा सकता है? उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सरकार उन शहीदों के परिवारों से बात कर सकती है और कह सकती है कि “हमने ऑपरेशन किया, अब मैच देखिए”?
जवाबदेही तय कीजिए
ओवैसी ने पूछा कि अगर 7.5 लाख जवान और सुरक्षाबल तैनात होने के बावजूद आतंकी देश में दाखिल हो गए, तो जवाबदेही किसकी है—एलजी, पुलिस, आईबी या किसी और की? उन्होंने सरकार से मांग की कि सिर्फ ऑपरेशन कर देना काफी नहीं, जवाबदेही तय करना जरूरी है.
डिटरेंस पॉलिसी और कश्मीर नीति पर सवाल
उन्होंने सरकार की ‘डिटरेंस’ नीति और कश्मीर को लेकर लिए गए निर्णयों की आलोचना करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भी आतंकी घटनाएं हो रही हैं, जिससे सरकार की नीति विफल साबित हो रही है
अमेरिका और चीन पर तीखी टिप्पणी
ओवैसी ने अमेरिका और भारत के संबंधों पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि अमेरिका के एक अधिकारी के बयान से पहले भारत ने कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी? क्या हमारी विदेश नीति इतनी निर्भरशील हो गई है कि अमेरिका तय करेगा हमें क्या बोलना है? चीन को लेकर उन्होंने कहा कि जब वह पाकिस्तान को सैन्य सहायता दे रहा है, तो भारत सरकार उसके सामने खामोश क्यों है?
फौज और संसाधनों की कमी पर चिंता
ओवैसी ने यह भी कहा कि भारत के पास स्वीकृत सबमरीन की तुलना में बहुत कम ऑपरेशनल सबमरीन हैं. उन्होंने पूछा कि तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर कहां है और हथियार खरीदते वक्त क्या सोर्स कोड लिया जा रहा है?