बुर्ज खलीफा से कूदने के बाद शुरूआती 12-15 सेकंड तक, व्यक्ति की गति गुरुत्वाकर्षण बल के कारण बढ़ती रहेगी, जब तक कि वह टर्मिनल वेलोसिटी तक न पहुंच जाए.
दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा पर चढ़ने में कितना समय लगेगा, इस सवाल का जवाब तो सभी जानते हैं. लेकिन अगर कोई व्यक्ति बुर्ज खलीफा से नीचे कूद जाए तो वह कितने सेकंड में जमीन पर पहुंचेगा, क्या ये पता है आपको?. चलिए आज इसी का उत्तर जानते हैं.
कैसे मिलेगा इस सवाल का जवाब
बुर्ज खलीफा से नीचे कूदने पर कितने सेकेंड में कोई व्यक्ति नीचे पहुंचेगा, इसका उत्तर कई कारकों पर निर्भर करता है. जैसे गुरुत्वाकर्षण, हवा का प्रतिरोध और कूदने वाले व्यक्ति का आकार और वजन. चलिए अब इन सभी पहलुओं के जरिए समझते हैं और यह अनुमान लगाने की कोशिश करते हैं कि बुर्ज खलीफा से कूदने के बाद व्यक्ति कितने समय में जमीन पर पहुंच सकता है.
बुर्ज खलीफा की ऊंचाई से समझिए
आपको बता दें, बुर्ज खलीफा की ऊंचाई 828 मीटर है, जो इसे दुनिया की सबसे ऊंची मानव निर्मित इमारत बनाती है. बुर्ज खलीफा इमारत में कुल 163 मंजिलें हैं और सबसे ऊपरी मंजिल की ऊंचाई लगभग 585 मीटर है. अगर कोई व्यक्ति बिल्डिंग के टॉप से कूदेगा, तो वह एक लंबी दूरी तय करेगा, जिसमें उसे हवा का भारी प्रतिरोध और तेजी से बढ़ती गति का सामना करना पड़ेगा.
ग्रेविटी और टर्मिनल वेलोसिटी को समझिए
दरअसल, किसी भी वस्तु के गिरने की गति का मेन कारण होती है, पृथ्वी की ग्रेविटी, जो लगभग 9.8 मीटर प्रति सेकंड स्क्वायर की दर से वस्तुओं को अपनी ओर खींचती है. शुरुआत में, जैसे ही कोई व्यक्ति गिरना शुरू करता है, उसकी गति तेज़ी से बढ़ने लगती है. लेकिन, हवा का प्रतिरोध धीरे-धीरे इस गति को नियंत्रित करता है और एक बिंदु पर पहुंचने के बाद व्यक्ति की गति स्थिर हो जाती है. इसे ही टर्मिनल वेलोसिटी कहा जाता है.
अब इंसानी शरीर की टर्मिनल वेलोसिटी को समझते हैं. दरअसल, हवा के प्रतिरोध और शरीर के आकार के आधार पर इंसानी शरीर की टर्मिनल वेलोसिटी लगभग 53 मीटर प्रति सेकंड होती है. यानी, जब व्यक्ति गिरने की यह गति प्राप्त कर लेता है, तो वह तेजी से नहीं गिर सकता. इस गति पर, व्यक्ति प्रति सेकंड लगभग 190 किमी/घंटा की रफ्तार से नीचे की ओर गिरेगा.
कितने सेकेंड में पहुंच जाएगा नीचे
बुर्ज खलीफा से कूदने के बाद शुरूआती 12-15 सेकंड तक, व्यक्ति की गति गुरुत्वाकर्षण बल के कारण बढ़ती रहेगी, जब तक कि वह टर्मिनल वेलोसिटी तक न पहुंच जाए. इसके बाद, वह एक स्थिर गति से नीचे गिरता रहेगा. वहीं टर्मिनल वेलोसिटी तक पहुंचने के बाद, व्यक्ति लगभग 53 मीटर प्रति सेकंड की दर से गिरना जारी रखेगा.
यदि हम मान लें कि व्यक्ति 828 मीटर की ऊंचाई से कूदता है, तो वह लगभग 12 सेकंड में 53 मीटर प्रति सेकंड की टर्मिनल वेलोसिटी तक पहुंच जाएगा. इसके बाद, बची हुई दूरी लगभग 15-18 सेकंड में पूरी होगी. इसके अनुसार, व्यक्ति कुल मिलाकर 27 से 30 सेकंड के भीतर जमीन पर पहुंच जाएगा.