5 बातें जान गए तो दूर भागेगी क्रेडिट कार्ड फ्रॉड गैंग, एक-एक रुपया रहेगा सुरक्षित

हाल ही में SBI के ग्राहकों के साथ एक बड़ा क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. इस धोखाधड़ी में करीब 350 लोगों को लगभग 2.6 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. पुलिस ने छह महीने के बाद 18 लोगों को गिरफ्तार किया है.

ये पूरा मामला एक ऐसा जाल था, जिसमें कॉल सेंटर के कर्मचारी, क्षेत्रीय एजेंट, सिम कार्ड देने वाले और क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल करने वाले शामिल थे. ऐसी धोखाधड़ी से बचने के लिए जरूरी है कि हम पहले से ही सचेत रहें. अगर आप भी क्रेडिट कार्ड इस्तमाल करते हैं तो हम आपकों कुछ ऐसी खास बातें बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आप खुद को बड़े नुकसान से बचा सकते हैं.

क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी से बचने के लिए 5 जरूरी बातें

अपनी जानकारी किसी से न शेयर करें आपको कभी भी अपने कार्ड का ओटीपी, CVV, पिन या पासवर्ड किसी को नहीं देना चाहिए. चाहे कोई बैंक का अधिकारी ही क्यों न बने, कॉल या मैसेज पर अपनी महत्वपूर्ण जानकारी शेयर करना खतरे से खाली नहीं है. धोखेबाज आपकी जानकारी लेकर आपके अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं. हमेशा ध्यान रखें, बैंक कभी भी आपको इस तरह की जानकारी मांगने का अधिकार नहीं देता.

बैंक से कॉल आने पर पहचान की जांच करें अगर आपको बैंक की तरफ से कोई कॉल आए और वे कोई जानकारी मांगें, तो पहले उनकी पहचान जरूर जांचें. इसके लिए बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करें. संदिग्ध कॉल पर कभी भी विश्वास न करें.

अपने खाते पर लगातार नजर रखें अपने बैंक खाते और कार्ड से जुड़ी हर गतिविधि पर ध्यान दें. मोबाइल पर लेन-देन अलर्ट चालू रखें ताकि तुरंत पता चल सके कि कोई अनधिकृत ट्रांजैक्शन हुआ है या नहीं. अगर कोई संदिग्ध लेन-देन नजर आए, तो तुरंत बैंक और पुलिस को सूचित करें.

डिजिटल सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें बैंकिंग या पैसे से जुड़ी कोई भी गतिविधि करते समय सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग न करें. अपने मोबाइल और बैंकिंग ऐप को हमेशा अपडेट रखें. किसी भी नए ऐप को केवल भरोसेमंद स्रोत जैसे गूगल प्ले स्टोर या ऐप स्टोर से ही डाउनलोड करें. व्हाट्सएप या ईमेल पर मिले संदिग्ध लिंक से ऐप डाउनलोड करना बिल्कुल बंद करें.

शक होने पर तुरंत कार्रवाई करें अगर आपको किसी भी तरह की धोखाधड़ी का शक हो तो सबसे पहले अपने क्रेडिट कार्ड को ब्लॉक कराएं. अपने बैंक को तुरंत सूचित करें और पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं. आप राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं. जल्दी कदम उठाने से आपका नुकसान कम हो सकता है.

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